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Clove Cultivation: भारत में पिछले कुछ सालों में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ने की वजह से नए-नए फसलों की खेती-किसानी होने लगी है. सरकार भी अपने स्तर पर किसानों को मुनाफेदार फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती रहती है. इसी कड़ी में किसानों की बीच लौंग की खेती करने का चलन बढ़ा है.
लौंग में बहुत सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. सेहत के लिए ये बेहद फायदेमंद है. यही वजह है कि बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. ऐसे में किसान भाई लौंग की खेती कर अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं.इस खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार लगने के बाद कई वर्षों तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
लौंग की खेती के लिए जरूरी बातें
लौंग की खेती के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. इसका खेत तैयार करने से पहले ये जरूर ध्यान रखें कि वहां जलनिकासी की व्यवस्था सही होनी चाहिए, वरना इसके पौधों को पानी लगने से नुकसान होने की संभावना बनी रहती है.जब लौंग का पौधा 4 से 5 वर्ष पुराना हो जाएगा, तब इसमें फल और फूल आना शुरू हो जाएंगे.
ध्यान रखें कि लौंग के पौैधे को छाया की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में इसकी खेती के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जहां इसके पौधों को छाया मिल सकते हैं. इसके लिए किसान भाई खेती की सहफसली तकनीक का सहारा ले सकते हैं. इसके अलावा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मिट्टी नम रहे लेकिन दलदली न हो.
लौंग का बाजार
भारत में लौंग का बाजार मिलना बेहद आसान है. कई रोगों के खिलाफ इसका उपयोग बेहद उपयुक्त माना जाता है. इसके अलावा भोजन वगैरह में भी इसका उपयोग उचित मात्रा में किया जाता हैं. ऐसे में बाजार में ये आसानी से बिक सकता है. यही वजह है किसान भाई लौंग की खेती से लाखोें का मुनाफा कमा सकते हैं.