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इस राज्य में बाढ़ जैसे हालात, फसलों को हुआ नुकसान, किसानों को मिलेगा मुआवजा

छत्तीसगढ़ मैदानी इलाकों में खरीफ की फसल को पर्याप्त पानी मिल चुका है. इस बीच भारी बारिश से नदी किनारे बोई गई फसलों को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि, इसको लेकर अभी तक कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. प्रशासन के अनुसार बारिश बंद होने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी. इसके बाद प्रभावित किसानों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा.

Heavy Rain Affects Crops Heavy Rain Affects Crops
रघुनंदन पंडा
  • दुर्ग,
  • 16 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 3:29 PM IST

Heavy Rain Affects Crops: छत्तीसगढ़ में पिछले 4 दिनों से भारी बारिश देखी जा रही है. सभी नदियां और तालाबें लबालब पानी से भरे हुए हैं. इस बार प्रदेश में एक करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. अच्छी बारिश को देखते हुए इस बार ये लक्ष्य पूरा होने की संभावनाएं दिख रही है. हालांकि, नदी किनारे बोई गई फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

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क्या है स्थिति

कृषि, जलसंसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा मैदानी इलाकों में खरीफ की फसल को पर्याप्त पानी मिल चुका है. फसलों को बारिश से कितना नुकसान अभी इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है. बारिश बंद होने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी. इसके बाद प्रभावित किसानों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा.

इन जगहों पर बाढ़ की स्थिति

छत्तीसगढ प्रदेश के कवर्धा जिले में सकरी नदी में बाढ़ दिखाई दे रहा है. प्रभावित क्षेत्रों रेस्कयू ऑपरेशन चलाया गया है. किनारे के गांवों के ग्रामीणों को मुनादी कराकर सतर्क रहने को कह दिया गया है. केवल महानदी में भी बाढ़ की स्थिति है. शिवरीनारायण ब्रिज के ऊपर से पानी बह रहा है.

सरकार उठा रही है ये कदम

कृषि,जलसंसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि हीराकुंड बांध के बैक वाटर के संबंध में उड़ीसा सरकार से चर्चा की गई है. हीराकुंड बांध के भी कुछ गेट खोल दिए जाएं ताकि छत्तीसगढ़ को बाढ़ से बचाया जा सके. फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. बाढ़ जैसी स्थिति आने से रोकने के लिए सरकार अपनी तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं.

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यहां भी फसलों को नुकसान

बता दें कि छत्तीसगढ़ के अलावा असम, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में भारी बारिश की वजह से हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. वहीं झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे जिलों में कम बारिश के चलते सूखे जैसी स्थिति नजर आने लगी है.
 

 

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