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गुजरात: बारिश में हो रही देरी ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, इस तारीख तक बरसात की संभावना

Gujarat Rain: गुजरात में बारिश में हो रही देरी के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच 18 से 24 अगस्त के बीच गुजरात के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है.

 Gujarat farmers facing trouble due to rain Gujarat farmers facing trouble due to rain
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 11 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST
  • 18 से 24 तारीख के बीच गुजरात में बारिश की संभावना
  • फसलों की बुवाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे किसान

गुजरात में बारिश (Gujarat Rains) में हो रही देरी ने इस साल किसानों (Farmers) की मुसीबत को और बढ़ा दिया है. दरअसल, जुलाई महीने के शुरुआती एक हफ्ते में हुई बारिश के बाद गुजरात में कही पर भी बारिश नहीं हुई है. इसी बीच अगस्त के पहले हफ्ते में भी बारिश नहीं होने से किसानों की मुसीबत बढ़ती हुई दिख रही है.

मौसम विभाग गुजरात की डायरेक्टर मनोरमा मोहंती ने कहा कि अगले एक हफ्ते तक गुजरात में कोई भी मॉनसून का सिस्टम नहीं होने की वजह से बारिश का इंतजार करना पड़ेगा. वहीं, 8 अगस्त 2020 यानी पिछले साल के मुकाबले अब तक 51.63 प्रतिशत ही बारिश हुई है. कई जिले ऐसे है जहां अब तक बहुत कम बारिश दर्ज हुई है. वहां किसानों की मुसीबत और बढ़ती हुई दिख रही है.

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गुजरात में बारिश में होने वाली देरी की वजह से गर्मी का कहर एक बार फिर बढ़ने लगा है. अधिकतम तापमान में 5 डिग्री की बढ़ोतरी होने से लोग परेशान हो रहे हैं.

18 अगस्त के आसपास गुजरात में बारिश की उम्मीद

बंगाल की खाड़ी में सक्रिय होने वाले सिस्टम के बावजूद गुजरात में इस साल बारिश में कमी आई है. मौसम विभाग के मुताबिक ये सिस्टम राजस्थान की ओर मुड़ गया है. हालांकी, अब 18 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी में सिस्टम सक्रिय होने की संभावना जताई गई है. जिससे गुजरात के सौराष्ट्र और अन्य कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है. 18 से 24 तारीख के बीच गुजरात के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है.

अहमदाबाद में बारिश में होने वाली देरी से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. किसान धान, कपास, मूंग, गेहूं जैसी फसल की बुवाई कर चुके हैं. वहीं कुछ किसान बुवाई के लायक बारिश का इंतजार कर रहे हैं. अहमदाबाद जिले में सर्वाधिक धान की बुवाई 1 लाख 23 हजार 279 हेक्टेयर में हुई है. मांडल में 11 हजार 655 हेक्टेयर में अरहर की रोपाई की गई है.

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