
चक्रवात बिपरजॉय ने गुजरात में भारी तबाही मचाई है. किसानों को भी इससे काफी नुकसान हुआ है. तटीय इलाकों में केसर आम और खजूर की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है. तूफान के चलते मवेशियों की भी बड़े स्तर पर मौत हुई. राज्य सरकार ने इन किसानों को हुए नुकसान पर मुआवजा देने का फैसला किया है.
आम और खजूर के पेड़ों को भारी नुकसान
गुजरात के तटीय इलाके में तकरीबन दो लाख टन से अधिक केसर आम उगाए जाते हैं. ऐसे में इसकी खेती करने वाले किसानों की फसल बड़े पैमाने पर तूफान के चलते बर्बाद हुई है. वहीं, चक्रवात बिपरजॉय के चलते कच्छ के 90 परसेंट खजूर के पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है खजूर के पेड़ के खराब होने से उनकी वर्षों की मेहनत खराब हो गई है. आगे के सालों में उन्हें इससे जो मुनाफा होता, उसकी भी उम्मीद खत्म हो गई है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कच्छ, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जामनगर और पोरबंदर जिलों में 53,000 हेक्टेयर में उगने वाले लगभग 14,800 फल देने वाले पेड़ तेज हवाओं के कारण उखड़ गए हैं.
सर्वेक्षण के बाद किसानों को दिया जाएगा मुआवजा
कैबिनेट की बैठक के बाद गांधीनगर में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए विभिन्न टीमों को प्रभावित जिलों में भेजा गया है. इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट मिलने के बाद किसानों और पशुपालकों को राज्य सरकार मुआवजा देगी. प्रारंभिक सर्वेक्षण से पता चला है कि बिपार्जॉय के कारण गुजरात के बिजली के बुनियादी ढांचे को 783 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
तूफान के चलते गुजरात में 1,320 मवेशियों की मौत
सरकार के मुताबिक बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने जैसी विभिन्न चक्रवात संबंधी घटनाओं में 1,320 मवेशियों और लगभग 1,900 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो गई है 1,129 मवेशियों की मौत के लिए 1.62 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है, जबकि अन्य पात्र पशुपालकों को जल्द ही भुगतान किया जाएगा.