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मधुमक्खी पालन कर लाखों रुपये कमा रहा ये किसान, 'मन की बात' में पीएम मोदी कर चुके हैं तारीफ

Beekeeping Farming: पीएम मोदी ने हाल ही में 'मन की बात' में हरियाणा के एक किसान की सरहाना की थी. पीएम मोदी ने बताया था कि कैसे उस किसान ने मधुमक्खी पालन कर अच्छी कमाई की है. हरियाणा के इस किसान का नाम सुभाष कंबोज हैं. आइए जानते हैं कैसे सुभाष कंबोज ने की मधुमक्खी पाली की शुरुआत और कैसे उन्हें मिली सफलता.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
आशीष शर्मा
  • यमुनानगर,
  • 02 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:54 PM IST

Haryana Farmer Story: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में हुए 'मन की बात' कार्यक्रम में हरियाणा के यमुनानगर के किसान सुभाष कंबोज की मधुमक्खी पालन को लेकर सरहाना की. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने मधुमक्खी के सिर्फ छह बॉक्स के साथ अपना काम शुरू किया था, आज वह दो हजार से ज्यादा बॉक्स में मधुमक्खी पालन का कार्य कर रहे हैं और लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं. पीएम के मुंह से अपना नाम सुनने के बाद किसान सुभाष फूले नहीं समा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह फिजिकल एजुकेशन के टीचर थे, और शुद्ध शहद खाने के लिए मधुमक्खियों के बॉक्स लाए थे. लेकिन इस काम ने उन्हें इतनी तरक्की दी कि आज वह दो हजार बॉक्स में मधुमक्खियों को पाल रहें है. किसान सुभाष अब दूसरे राज्यों में जाकर अन्य किसानों को भी मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग दे रहे हैं.  

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साढ़े तीन हजार किसानों को भी दे चुके है ट्रेनिंग
यमुनानगर के रहने वाले किसान सुभाष कंबोज ने बताया कि वह एक फिजिकल एजुकेशन के टीचर थे. उस समय उन्होंने अपने घर में शहद खाने के लिए 6 बॉक्स मंगवाए, और उनमें मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया, जिसके चलते धीरे-धीरे बॉक्स बढ़ते गए और साथ-साथ शहद का कारोबार भी देश में फैलने लगा. इसके अलावा वह कई राज्यों में जाकर लगभग साढ़े तीन हजार किसानों को मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग भी दे चुकें हैं.

सुभाष ने बताया कि उन्होंने 1996 में सिर्फ 6 मधुमक्खियों के बॉक्स शहद खाने के लिए खरीदे थे. फिर उन्होंने इन मधुमक्खियों के बॉक्स को धीरे-धीरे बढ़ाया और चार साल के बाद इस काम में प्रोफेशनल हो गए. उन्होंने कहा कि अब मेरे पास दो हजार मधुमक्खियों के बॉक्स हैं. मक्खियां फालतू हो जाती हैं तो उनको भी हम बेच देते हैं, जिससे  एक्स्ट्रा इनकम भी हो जाती है. अब हम 7 से 8 अलग-अलग राज्यों में मधुमक्खी पालन का काम करते है.

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यमुनानगर जिले का नाम हुआ रोशन
सुभाष कंबोज के घर उनकी पत्नी एक बेटा और एक बेटी हैं, दोनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं. बीटेक की पढ़ाई करने के साथ-साथ बेटा अब शहद के कारोबार में अपने पिता का साथ देने लगा है. बहराल पीएम मोदी द्वारा मन की बात में किसान कंबोज का जिक्र करने के बाद सुभाष कंबोज का पूरा परिवार खुदको गौरवान्वित महसूस कर रहा है. 

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