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बिहार में एक ओर जहां सोलर दीदी बनकर महिलाओं को रोजगार मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर सोलर दीदियों के माध्यम से छोटी जोत वाले किसानों को बड़ी राहत मिल रही है. इन दिनों मुजफ्फरपुर में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से सिंचाई करने वाली सोलर दीदी देवकी देवी काफी सुर्खियों में है. उनके खुद के पास पांच धुर जमीन है, लेकिन वह सोलर दीदी बनने के बाद 25 एकड़ जमीन की पटवन करती हैं.
10 प्रतिशत की दर से लोन लेकर लगवाया सोलर पंप
सोलर दीदी योजना से जुड़ने से पहले देवकी देवी के परिवार का मुश्किल से गुजारा होता था, लेकिन अब वह महीने के 20 से 25 हजार रुपये आसानी से कमा लेती हैं. देवकी ने बताया कि वह जब जीविका समूह से जुड़ीं तो उन्हें सोलर पंप को लेकर चल रही योजना की जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने 10 प्रतिशत की दर से लोन लिया और अपनी जमीन पर सोलर पंप लगवाया. अब वह आसपास के किसानों के पच्चीस एकड़ खेत में सिंचाई करती हैं. उनका पंपिंग सेट हर दिन सौ रुपए प्रति घंटा की दर से आठ से 9 घंटा चलता है यानी 800 से 900 रुपये की आमदानी होती है.
किसानों को भी फायदा
वहीं, स्थानीय किसानों को अब 200 रुपये की जगह 100 रुपये में सिंचाई की सुविधा मिलने के साथ ही पहले के मुकाबले पानी भी ज्यादा मिलता है, जिससे किसान अब परंपरागत खेती की जगह नकदी फसलों जैसे- सब्जी आदि की खेती ज्यादा करते हैं. सोलर दीदी बनने से देवकी देवी के साथ-साथ आसपास के किसानों की भी किस्मत बदल गई है.
मुजफ्फरपुर जिले में बोचहा सौर ऊर्जा से सिंचाई का पहला प्रखंड बन गया है. इस प्रखंड में सबसे पहले दो जीविका दीदियों ने इसकी शुरुआत की थी. अब इसी प्रखंड की 106 दीदियां सोलर प्लेट लगाकर खेतों की सिंचाई कर रही हैं और सैकड़ों एकड़ खेत की सिंचाई से इस इलाके के किसानों की तकदीर ही बदल गई है.
हर महीने 18 से 20 हजार रुपये की कमाई
बोचहा प्रखंड की काकड़ गांव की रहने वाली देवकी देवी ने कहा कि सोलर पंप के माध्यम से सिंचाई के काम से जुड़कर उनका जीवन बदल गया है. पहले उनके लिए घर चलाना भी मुश्किल था. उन्होंने कहा कि वह धीरे-धीरे सोलर पंप लगवाने का कर्ज भी चुका रही हैं और हर महीने 18 से 20 हजार रुपये भी कमा रही हैं. किसानों को भी सस्ती दर पर सिंचाई का पानी मिलता है तो वे लोग एडवांस में पैसे दे देते हैं.
पानी की सुविधा मिलना हुआ आसान
स्थानीय महिला किसान ऊषा देवी ने बताया कि पहले हम लोग पानी की कमी के कारण खेती नहीं कर पाते थे, लेकिन अब गर्मी की फसल भी करते हैं. उन्होंने अपने खेत में लहलहाती मक्का भी दिखाई कि किस तरह उन्हें फायदा हो रहा है. वहीं, अन्य किसान शैलेन्द्र ने बताया कि वह पहले धान, गेहूं की खेती करते थे या दूसरे के खेतों में मजदूरी करते थे. लेकिन अब वह अपने ही खेत में सब्जी की खेती करते हैं, क्योंकि पानी की सुविधा मिलना आसान है, जिससे अच्छी फसल और उपज होती है.
स्थानीय मुखिया सरोज सहनी ने बताया कि सोलर पंप सेट से हमारे पंचायत के किसानों को काफी लाभ हो रहा है. सबसे पहले तो इससे सोलर पंप चलाने वाली महिलाओं को नकद आमदनी हो रही है. वहीं आसपास के किसानों को सस्ती दर पर ज्यादा पानी सिंचाई के लिए मिल जाता है. जिससे अब यह पंचायत सब्जी उत्पादन का हब बन गई है.
सोलर दीदी बनकर बदल रही कई महिलाओं की जिंदगी
वहीं, इन सोलर दीदियों को ट्रेनिंग देने वाली आरती कुमारी ने बताया कि सोलर दीदी बनकर कई महिलाओं की जिंदगी बदल रही है, लेकिन सबसे ज्यादा समस्या तब होती है, जब इन महिलाओं के पति उनके काम करने को तैयार नहीं होते. कई महिलाओं के पति काफी समझाने के बाद इसके लिए तैयार होते हैं. आज इन महिलाओं की जिंदगी बदल गई है.