
देश में खाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस मुद्दे पर सरकार की लानत-मलानत भी हो रही है. इस बीच भारत सरकार ने पाम ऑयल मिशन के तहत 11,040 करोड़ रुपये का बजट पास किया है. सरकार का मानना है कि आने वाले समय में ताड़ के पेड़ के बीजों से निकलने वाला ये तेल खाद्य तेलों की जगह ले सकता है. इस तेल का उपयोग सबसे ज्यादा होटल्स, रेस्तरां में खाना बनाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा साबुन और तेल वगैरह के प्रोडक्शन में भी इस तेल का उपयोग होता है.
किसानों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है ये मिशन
> देश में इस समय 3.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पाम की खेती हो रही है जिसे 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तक ले जाने की योजना है. इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए पहले सरकार की तरफ से प्रति हेक्टेयर 12 हजार रूपये सहायता राशि दी जाती थी, अब इसे बढ़ाकर 29,000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है.
> सरकार द्वारा मिलने वाली राशि की मदद से इसकी खेती में किसानों की लागत कम हो जाएगी, जिसकी वजह से किसानों का मुनाफा बढ़ जाएगा. इसके अलावा रख-रखाव और फसलों के दौरान दी जाने वाली सहायता में भी बढ़ोतरी की गई है. पुराने बागों को दोबारा चालू करने के लिये 250 रुपये प्रति पौधा के हिसाब से विशेष सहायता दी जा रही है.
> इसके अलावा देश में पौधारोपण साजो-सामान की कमी को दूर करने के लिए बीजों की पैदावार करने वाले बागों को सहायता दी जाएगी. इसके तहत भारत के अन्य स्थानों में 15 हेक्टेयर के लिए 80 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी, जबकि पूर्वोत्तर तथा अंडमान क्षेत्रों में यह सहायता राशि 15 हेक्टेयर पर एक करोड़ रुपये निर्धारित की गई है. इससे किसानों के लिए खेती आसान हो जाएगी.
> इसके अलावा पाम ऑयल के भाव तय करने को लेकर भारत सरकार ने एमएसपी जैसी सुविधा बनाई है. इसका मतलब ये है कि पाम के तेल की कीमत सरकार की तरफ से ही तय किए जाएंगे. जिसकी वजह से बाजार में इसकी कीमत घटने-बढ़ने से किसानों को कोई खास नुकसान नहीं होगा.
एक मिशन कई फायदे
नेशनल पाम ऑयल मिशन से सरकार एक साथ कई समस्याओं का हल निकालना चाह रही है. किसानों को इस मिशन से फायदा तो होगा ही, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी बढ़ेगा. इसके साथ ही सरकार इस मिशन के तहत तिलहन की खेती को भी बढ़ावा देने पर काम कर रही है.