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किसान पिता की तकलीफें देख 10वीं की छात्रा ने बनाया ऐसा ऐप, पीएम मोदी ने भी सराहा

नंदिनी ने इस प्रोजेक्ट को मिट्टी को जानो, फसल पहचानो नाम दिया है. यह एक स्मार्ट डेटा आधारित उपकरण है जो मिट्टी में मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों का विश्लेषण करके मिट्टी के लिये सबसे अच्छी फसल की पहचान कर सकता है. 

Lalitpur 10th student Nandini Kushwaha invented soil identification app Lalitpur 10th student Nandini Kushwaha invented soil identification app
aajtak.in
  • ललितपुर,
  • 14 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:53 PM IST
  • मिट्टी की पहचान के लिए बनाया ऐप
  • किसानों के पैदावार में होगी बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के महरौनी तहसील की रहने वाली 10वीं की छात्रा नंदिनी कुशवाहा ने ऐसा कुछ कर दिखाया है, जिसकी सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर रहे हैं. दरअसल, नंदिनी ने किसानों की तकलीफों को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा ऐप बनाया है, जिससे उनकी आधी से ज्यादा समस्याओं का समाधान एक ही जगह पर हो जाएगा.

नंदिनी को भारत सरकार के इलोक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से गुजरात के गांधीनगर में 4 जुलाई को डिजिटल इंडिया वीक 2022 कार्यक्रम में बुलावा आया था. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. इस दौरान प्रधानमंत्री ने नंदिनी के प्रोजेक्ट ध्यान से सुना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया.

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नहीं देखी गई किसान पिता की मुश्किलें

नंदिनी कुशवाहा कहती हैं उनके पिता एक किसान हैं. पिता खेती में कम होते पैदावार की वजह से परेशान रहते थे. उन्हें लगता था कि उनके पिता दिन रात मेहनत तो करते हैं लेकिन फिर भी फसल उत्पादन इतना कम क्यों?

इस तरह प्रोजेक्ट पर किया काम

वह आगे बताती हैं कि इन्हीं सबके बीच एक ऑनलाइन क्लास के दौरान मिट्टी के परीक्षण और उसकी समस्याओं के बार में जानना शुरू किया. तभी से एक ऐसा ऐप बनाने को ठान लिया जिससे मिट्टी की पहचान की जा सके. इसके अलावा मिट्टी में क्या कमी है, इस बारे में किसानों को जानकारी दे सके. 

नंदिनी ने इस प्रोजेक्ट को मिट्टी को जानो, फसल पहचानो नाम दिया है . यह एक स्मार्ट डेटा आधारित उपकरण है जो मिट्टी में मौजूद विभिन्न पौषक तत्वों का विश्लेषण करके मिट्टी के लिये सबसे अच्छी फसल की पहचान कर सकता है. नंदिनी द्वारा तैयार ऐप मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन ,फास्फोरस ,पोटैशियम ,तापमान और आद्रता बारे में भी बताएगा.

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किसानों को ऐसे मिलेगी मदद

इस ऐप के माध्यम से किसान जान सकेंगे कि किस वक्त कौन सी फसल उपयोगी होगी. इसके अलावा फसल में खाद और कीटनाश की कितनी जरूरत है, इस बारे में भी जानकारी मिल पाएगी. नंदिनी के मुताबिक उनका यह ऐप करीब 2025 तक फिजिकल रूप में बन जाएगा. इसके आने से किसानों के फसल उत्पादन में जरूर इजाफा होगा

14 वर्षीय नंदिनी कुशवाहा महरौनी तहसील अंतर्गत स्थीत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में 10वीं क्लास की छात्रा है. नंदिनी के किसान पिता जमुना प्रसाद कुशवाहा एक छोटे से किसान हैं. वह कहते हैं कि उन्हें अपनी बेटी पर काफी गर्व महसूस करते हैं. उन्होंने कभी भी अपनी बेटी को एक बेटे से कम नही माना है. इसके अलावा नंदिनी के स्कूल के सारे शिक्षक भी छात्रा के इस उपलब्धि पर काफी खुश हैं.

( रिपोर्ट- मनीष सोनी, ललितपुर)

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