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किसानों के मुद्दों पर महाराष्ट्र में आज से शुरू महाविकास आघाड़ी का 'किसान आक्रोश मोर्चा', जानें क्या हैं मांग

सांसद सुप्रिया सुले और सांसद डॉ अमोल कोल्हे को किसानों के मुद्दे पर आवाज उठाने के बाद संसद से सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद सांसद डॉ कोल्हे और सुप्रिया सुले ने 'किसान आक्रोश मोर्चा' आयोजित करने का फैसला किया.

File photo of Nationalist Congress Party leader Supriya Sule. File photo of Nationalist Congress Party leader Supriya Sule.
aajtak.in
  • पुणे,
  • 27 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

महाविकास अघाड़ी की ओर से आयोजित होने वाले 'किसान आक्रोश मोर्चा' की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. आज यानी 27 दिसंबर को महाराष्ट्र के जुन्नर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को नमन कर मार्च की शुरुआत की जाएगी और सांसद डॉ अमोल कोल्हे और सुप्रिया सुले 'किसान आक्रोश मोर्चा' का नेतृत्व करेंगे. वहीं, इसका समापन पुणे कलेक्टर कार्यालय में प्रमुख नेताओं की बैठक के साथ होगा.

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प्याज निर्यात प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग

दरअसल, सांसद सुप्रिया सुले और सांसद डॉ अमोल कोल्हे को किसानों के मुद्दे पर आवाज उठाने के बाद संसद से सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद सांसद डॉ कोल्हे और सुप्रिया सुले ने 'किसान आक्रोश मोर्चा' आयोजित करने का फैसला किया. इनकी मांग है कि प्याज निर्यात प्रतिबंध को तुरंत हटाया जाना चाहिए और प्याज निर्यात के लिए एक स्थायी नीति तय की जानी चाहिए. वहीं, डेयरी किसानों को निजी और सरकारी के बीच अंतर किए बिना सब्सिडी मिलनी चाहिए और आपदाग्रस्त तालुकाओं में कृषि के लिए निर्बाध बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए.

ये भी हैं मांगें

इनके अलावा, फसल बीमा कंपनियों को बंद कर दिया जाना चाहिए और तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए, किसानों को पूर्ण ऋण माफी दी जानी चाहिए, 'शैक्षिक' का एक निश्चित रूप दिया जाना चाहिए. किसानों के बच्चों की शिक्षा के लिए ऋण नीति लागू की जाए. इन प्रमुख मांगों को लेकर एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस समेत महाविकास अघाड़ी के घटक दलों ने एल्गार बुलाया है. इसी के तहत 27 से 30 दिसंबर तक भव्य किसान आक्रोश मोर्चा का आयोजन किया गया है.

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