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Onion prices drop: प्याज खेती करने वाले किसानों के लिए इस साल भी राहत की खबर नहीं है. पिछले साल महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से प्याज की कीमतों में गिरावट की वजह से किसानों बीच सड़क पर अपनी फसल फेंकने का मामला सामने आया था. इस बार के भी हालात बिल्कुल उसी तरह के बनते जा रहे हैं.
इस साल बेहतर हुई है प्याज की फसल
किसानों के मुताबिक इस बार प्याज की फसल बेहतर हुई है. हालांकि, किसानों को बाजार में अपनी फसल पर मनमुताबिक दाम नहीं मिल रहा है. प्याज का रेट गिरकर दो से तीन रुपये प्रति किलो हो गया है, जिससे किसान खासे परेशान हैं.
महाराष्ट्र के अकोला जिले के बाखराबाद गाव के किसान दत्ता माली अपने ढाई एकड़ में प्याज की खेती की थी. इस साल दत्ता को तकरीबन 200 क्विंटल प्याज का उत्पादन हुआ. हमें लगा कि बढ़िया मुनाफा कमाएंगे. लेकिन हमारी ये खुशी ज्यादा वक्त तक टिकी नहीं रह सकी. अब प्याज के दाम गिरकर 2 से 3 रुपये प्रति किलो हो गए हैं.
लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं किसान
दत्ता माली को ढाई एकड़ में प्याज की खेती करने में कुल 1 लाख रुपये की लागत आई. बंपर पैदावार के बाद भी वह सिर्फ 65,000 से 70,000 रुपये ही फसल से हासिल कर पाए हैं. उनका कहना है कि इतने घाटे के बाद वह मजदूर लगाने की बजाय खुद ही अपने खेतों से प्याज के छिलके निकाल रहा है
दत्ता ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हम किसानों के ऊपर हर साल कोई ना कोई आफत आती ही है. हमें प्याज पर 10 या 12 रुपये प्रति किलो भी मिल गए तो हमारा लागत निकला आता है. वह आगे कहते हैं कि जब प्याज के दाम 50 रुपये से ऊपर जाते हैं तो जनता बवाल खड़ा कर देती है. हमारी परवाह नहीं की जाती है.
पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाएं
बता दें कि इससे पहले घटती प्याज की कीमतें और स्टोरेज की सुविधा ना होने की वजह से महाराष्ट्र के बुलढाणा से किसान कैलाश पिंपले द्वारा 150 से 200 क्विंटल प्याज की फसल लोगों के बीच मुफ्त बांटने की भी खबर सामने आई थी.
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