
Mechanical Planting: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की तकरीबन 55 से 60 प्रतिशत जनसंख्या किसानी पर ही निर्भर है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था भी काफी हद तक तक ग्रामीण क्षेत्रों पर ही निर्भर है. यही वजह है कि केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई-नई योजनाओं और तकनीकों पर काम कर रही है.
किसान अब परंपरागत फसलों की खेती में भी नई-नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं. इसका उन्हें ठीक-ठाक मुनाफा भी हासिल हो रहा है. ऐसे में किसान यांत्रिक तरीके से खेती कर सकेंं, इसके लिए ICAR – Ludhiana ने मेकैनिकल प्लांटर लॉन्च किया है.
लॉकडाउन के दौरान किसानों को झेलनी पड़ी थी दिक्कतें
कोरोना महामारी की वजह से इस बार किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. लॉकडाउन के समय में किसानों को श्रम की भीषण समस्या से जूझना पड़ा. विशेषज्ञों के अनुसार ICAR द्वारा विकसित पहिया स्वचलित प्लांटर मशीन से किसानों को श्रम की समस्या से निजात मिलेगा.
इस मशीन से कैसे की जाती है रोपाई
इस मशीन से चटाई प्रकार की नर्सरी को पॉलिथीन शीट पर या ट्रे में उगाया जाता है. फ्रेम को पॉलिथीन शीट पर रखने के बाद किनारों से मिट्टी डाल दी जाती है. फिर नर्सरी सीडर द्वारा बीज को फ्रेम में रखा जाता है. इस प्लांटर से दो व्यक्ति एक दिन में 3 से 4 एकड़ में आराम से रोपाई कर सकते हैं.
ICAR ने मोगा जिले के बद्दुवाल गांव में चटाई प्रकार की नर्सरी उगाने और यांत्रिक रोपण पर कई प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए. जिसके बाद बड़े पैमाने पर यहां के किसानों ने अब इस तकनीक को अपनाना शुरू कर दिया है. इस समय में मोगा में तकरीबन 6 मैकेनिकल प्लांटर्स (मैनुअल, सेमी-ऑटोमैटिक और फुली ऑटोमैटिक) किसानों द्वारा खरीदे जा चुके हैं. किसान न केवल खुद इन मशीनों का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि आसपास के गांवों को भी किराए पर इन मशीनों को देकर खेती को सबके लिए सुविधाजनक बना रहे हैं.