
Anaar Ki Kheti, How to do pomegranate farming: भारत में परंपरागत खेती में लगातार मुनाफा कम हो रहा है. इसके पीछे जलवायु परिवर्तन से खेती करने के तरीके को दोष दिया जाता रहा है. ऐसे में किसान अन्य विकल्पों की तरफ रुख कर रहे हैं. कई राज्य सरकारें किसानों को परंपरागत खेती से इतर फलों के बाग लगाने के प्रोत्साहित कर रही हैं. इसके लिए वे किसानों की आर्थिक तौर पर मदद भी करती हैं.
भारत में अनार की सबसे ज्यादा खेती उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में होती है. ये पौधा 3 से 4 साल में पेड़ बन जाता और फल देने लगता है. बता दें कि अनार का एक पेड़ तकरीबन 24 साल तक जीवित रहता है यानी आप इतने सालों तक इससे मुनाफा कमा सकते हैं.
पौधे रोपाई के ये समय सबसे उपयुक्त
अनार की रोपाई पौध के रूप में की जाती है. पौधों की रोपाई के लिए बारिश का मौसम सबसे उपयुक्त माना जाता है. अनार की बुवाई जब वातावरण का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस हो तब खेतों में करनी चाहिए. अगर किसान अनार की खेती कर रहे हैं तो पौधा रोपण से लगभग 1 महीना पहले गड्ढे खोद लें.
कब करें सिंचाई
अनार के पौधों को अधिक सिंचाई की जरूरत पड़ती है. बारिश के मौसम में इसकी पहली सिंचाई को 3 से 5 दिन के अंदर करनी होती है. बारिश का मौसम हो जाने के बाद पौधों को 10 से 15 दिन के अंतराल में पानी दें. इसके पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप विधि इस्तेमाल सबसे विकास में सबसे कारगर माना जाता है.
होता है इतना मुनाफा
अनार की खेती में एक पेड़ से 80 किलो फल मिल सकते हैं. एक हेक्टयर में लगभग 4800 क्विंटल तक का फल निकाला जा सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, एक हेक्टेयर में आनार की खेती से आप आराम से 8 से लाख रुपये तक आसानी से कमा सकते हैं.