Advertisement

सिंचाई पाइपलाइन के लिए किसानों को मिल रहे 18000 रुपये, चाहिए ये योग्यता

राजस्थान सरकार किसानों को सिंचाई पाइपलाइन खरीदने पर 60 प्रतिशत तक का अनुदान यानी सब्सिडी दे रही है. इच्छुक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. अगर आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आपको अपने क्षेत्र के नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा.

Irrigation pipeline Irrigation pipeline
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST

खेती-किसानी में सिंचाई सबसे बड़ी समस्या उभर कर सामने आई है. कई ऐसे प्रदेश हैं, जहां भूजल अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. इसका सीधा असर यहां के किसानों पर पड़ रहा है. सही समय पर सिंचाई न मिलने के चलते फसलों की उपज प्रभावित हो रही है. इसके चलते किसानों की आय में कमी आ रही है. 

किसानों की सिंचाई की समस्या से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर कई तरह की योजनाएं भी चला रही हैं. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार किसानों को सिंचाई पाइपलाइन खरीदने पर 60 प्रतिशत तक का अनुदान यानी सब्सिडी दे रही है.

Advertisement

राजस्थान सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों को सिंचाई पाइपलाइन के लिए इकाई लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 18000 रुपये सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं. वहीं, अन्य किसानों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 15000 रुपये का अनुदान दिया जाता है.  इस अनुदान को पाने के लिए किसान के नाम पर खेती योग्य भूमि होनी चाहिए. साथ ही कुएं पर  विद्युत/डीजल/टैक्टर चलित पम्प सेट हो. अगर आप 2 पाईप लाइन पर अनुदान की मांग करते हैं तो अलग-अलग सब्सिडी दी जाएगी. हालांकि, इसके लिए भूमि का स्वामित्व अलग-अलग होना आवश्‍यक है.

इच्छुक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. अगर आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आपको अपने क्षेत्र के नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा. आवेदन पत्र के समय  किसान के पास आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल छः माह से अधिक पुरानी नही हो. आवेदन के बाद पाइप लाइन की खरीद कृषि विभाग की स्वीकृति के बाद कृषि विभाग में पंजीकृत निर्माता या उनके अधिकृत वितरक विक्रेता से ही की जाए. स्वीकृति की जानकारी मोबाइल संदेश अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक के जरिये मिल सकेगी. पाइप लाइन खरीदने के बाद विभाग द्वारा सत्यापन किया जायेगा. अनुदान राशि सीधे कृषक के खाते में जमा होगा.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement