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Government Scheme: आवारा पशुओं के आतंक से परेशान किसान खेतों में कराएं तारबंदी, यहां मिल रही सब्सिडी

राजस्थान सरकार खेतों में तारबंदी करने के लिए किसानों की मदद कर रही है. तारबंदी लगाने में होने वाले खर्च का आधा हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. राजस्थान सरकार के आदेश के मुताबिक, खेतों में तारबंदी कराने पर अधिकतम 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी.

Tarbandi scheme Tarbandi scheme
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

खेती-किसानी के दौरान किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मौसम की मार के अलावा किसानों को आवारा पशुओं की समस्या से जुझना पड़ता है. आवारा पशुओं के आतंक के चलते फसलें खराब होने से किसानों को आर्थिक तौर पर बेहद नुकसान होता है. ऐसे में आवारा पशुओं से किसानों की फसल को सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान सरकार खेतों में तारबंदी करने के लिए किसानों की मदद कर रही है. तारबंदी लगाने में होने वाले खर्च का आधा हिस्सा राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा. 

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तारबंदी पर किसानों को बंपर सब्सिडी

राजस्थान सरकार के कृषि विभाग के ऑफिशियल पोर्टल राजकिसान साथी पर दी गई जानकारी के मुताबिक, तारबंदी पर लघु एवं सीमांत किसानों को 48 हजार यानी 60 प्रतिशत तक और अन्य किसान 40 हजार रुपये यानी 50 प्रतिशत तक का  अनुदान दिया जाएगा. इस योजना का लाभ सभी किसानों को दिया जाएगा. आवेदक के पास तकरीबन 1.5 हेक्टेयर भूमि का होना आवश्यक है.

यहां आवेदन करें किसान

इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान नजदीकी ई-मित्र केन्द्र या राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इस दौरान किसान के पास आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल होना आवश्यक है. इस दौरान तारबन्दी किये जाने से पहले और बाद में काम पूरा होने पर जियोटेगिंग करना अनिवार्य है. इसके बाद किसानों के आवेदन की समीक्षा कर उनके खाते में अनुदान की राशि पहुंचा दी जाएगी.

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सीधे किसानों के बैंक में आएगी राशि

आवेदन के बाद योजना से सम्बंधित सहायक कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा मौके पर कार्य का  जाकर प्री - वेरिफिकेशन किया जाएगा. इसके बाद तारबंदी का भौतिक सत्यापन और जांच बाद किसानों को उनके बैंक खातों में अनुदान राशि जमा कराई जाती है. यह राशि बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी. हालांकि, चारागाह भूमि वाले, धार्मिक ट्रस्ट, सरकारी संस्थानों को इस योजना से बाहर रखा गया है.

 

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