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सावधान! अब पराली जली तो कैंसिल होंगे हथियारों के लाइसेंस, नंबरदार होंगे बर्खास्त

Punjab Stubble Burning: पंजाब के मोगा में पराली जलाने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपना लिया है. प्रशासन का आदेश नहीं मानने पर किसानों को सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है. इसके अलावा उन्हें कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है. पराली जलाई तो हथियारों के लाइसेंस तत्काल रद्द कर दिए जाएंगे.

Stubble burning: Moga admnistration to cancel arms licenses of defaulters Stubble burning: Moga admnistration to cancel arms licenses of defaulters
मुनीष जिंदल
  • मोगा,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

Stubble Burning Issue: खरीफ फसलों की कटाई के वक्त पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. हालांकि, इस बार सभी प्रदेश सरकार पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए पहले से ही सतर्क हैं. पंजाब के मोगा में पराली न जलाने के आदेश का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. ऐसा करने वालों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखा जा सकता है. इनके कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को इस मामले में कड़ा रवैया अपनाने के निर्देश दिए हैं.

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शस्त्र लाइसेंस किए जाएंगे रद्द

विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में उपायुक्त कुलवंत सिंह ने कहा कि पराली में आग लगाने वालों के हथियारों का लाइसेंस तत्काल रद्द किया जाएगा. आग की घटनाओं के लिए प्रत्येक गांव के नंबरदार, पंच और सरपंच जिम्मेदार होंगे. यदि कोई नंबरदार खुद अपने खेत में आग लगाता है, तो उसे उसके पद से हटाया जाएगा. इसी तरह पंच और सरपंच के खिलाफ भी विभाग को कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी.

फसल मुआवजा रोकने पर भी विचार

उपायुक्त ने कहा कि अगर सरकारी कर्मचारी या अधिकारी खुद खेती करते हैं या ठेके पर खेती करते हैं तो उन्हें पराली नहीं जलाने का वचन देना होगा. उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी. उपायुक्त कुलवंत सिंह बताते हैं कि आदेश का उल्लंघन करने वाले किसानों को भविष्य में फसल मुआवजा रोकने पर जिला प्रशासन विचार कर रहा है.

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पराली प्रंबंधन के लिए मशीनों का उपयोग करें किसान

जिला प्रशासन के अनुसार मोगा जिले में पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त संख्या में मशीनरी उपलब्ध है. इस मशीनरी की जानकारी आई-खेत एप पर अपलोड की जा रही है. किसान इस यंत्र का भरपूर लाभ उठाएं.  जिला प्रशासन द्वारा किसानों की मदद के लिए जल्द ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जा रहे हैं. 

 

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