
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पत्तागोभी और फूलगोभी की कीमतों में भारी गिरावट आने से किसान बेहद निराश हैं. उचित दाम न मिलने के कारण गंगोह क्षेत्र में किसान ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया, जिससे वे आर्थिक संकट में फंस गए हैं.
सहारनपुर क्षेत्र को सब्जी उत्पादन का प्रमुख केंद्र माना जाता है. यहां से हर साल हजारों टन ताजी सब्जियां विभिन्न राज्यों में भेजी जाती हैं. किसान का कहना है कि फूलगोभी की शुरुआती फसल के दाम अच्छे थे, लेकिन पछेती फसल के लिए बाजार में भाव बेहद गिर गए हैं. हालत ये हो गई कि 2 से 3 रुपये प्रति किलो के भाव पर भी गोभी नहीं बिक रही. इससे परेशान होकर किसानों को खेतों में ही फसल को नष्ट करना पड़ा.
गंगोह के किसान साजिद ने पांच बीघा खेत ठेके पर लेकर फूलगोभी उगाई थी, लेकिन नुकसान झेलने के कारण पूरी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. वहीं पांच बीघा पत्तागोभी और चार बीघा फूलगोभी लगाई थी, लेकिन बाजार में उचित दाम न मिलने पर उन्हें भी अपनी फसल बर्बाद करनी पड़ी.
किसान मोहम्मद राशिद ने बताया कि तीन महीने से गोभी का कोई सही रेट नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा, "1 से 2 रुपये किलो के रेट पर गोभी बेचना संभव नहीं. पन्नी का ही 25 से 30 रुपये खर्चा आ रहा है, जबकि खेत से मंडी तक पहुंचाने में ही 50 रुपये का खर्च आ जाता है. हमने पहले ही 5 बीघा की फसल नष्ट कर दी थी, अब 6 बीघा और नष्ट करनी पड़ी. कुल 15 बीघा में गोभी उगाई थी, जिसमें 70 से 80 हजार रुपये का नुकसान हुआ है.
गंगोह के कई किसान अब सब्जी की खेती छोड़ने की सोच रहे हैं. 15 साल से खेती कर रहे किसान राशिद ने कहा कि पहले भी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से नुकसान हुआ था, लेकिन अब बाजार में सही दाम न मिलने से हालात और खराब हो गए हैं. उन्होंने सरकार से आर्थिक सहायता और उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग की है.
किसान ने सरकार से मांग की है कि उन्हें आर्थिक मदद दी जाए ताकि वो दोबारा खेती कर सकें. अगर इसी तरह हालात रहे तो किसान मजबूरी में कृषि छोड़ने पर विवश हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना चाहिए और किसानों को सही दाम दिलाने के लिए बिचौलियों की भूमिका कम करनी चाहिए.