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किसानों की बेहतरी के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें समय-समय पर कई फैसले लेती रहती हैं. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. लोकभवन में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा खेत में खड़ी फसल, तैयार उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए अगले पांच सालों तक 192 करोड़, 57 लाख, 75 हजार रुपये की धनराशि खर्च करने का फैसला लिया.
इसके लिए जिन रासायनिक एवं जैविक कीट रसायनों की जरूरत होगी उनको किसानों को कृषि रक्षा इकाई से अनुदान पर दिया जाएगा. वहीं फसलों को सुरक्षित रखने के लिए बखारी पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रस्ताव भी पास किया गया है. सरकार के इस फैसले से किसान अब लंबे समय तक अनाज को सुरक्षित रख सकेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किसानों के हित में ये फैसला लिया गया. किसानों को फसलों में हर वर्ष लगने वाले खरपतवार, फसली रोग, कीट रोग, क्षति भंडारण, चूहों समेत अन्य वजहों से भारी नुकसान होता है. कैबिनेट में किसानों के इसी नुकसान को कम करने के लिए अगले पांच साल 2022-23 से 2026-27 तक 192 करोड़, 57 लाख, 75 हजार रुपये योजना के तहत मंजूर किए गए हैं.
किसानों को योजना का लाभ देने के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में 34 करोड़, 17 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. मालूम हो कि हर वर्ष किसानों को खरपतवार की वजह से 15-20 प्रतिशत, फसली रोगों से 26 प्रतिशत, कीट रोगों से 20 प्रतिशत, भंडारण की उचित व्यवस्था न होने से 7 प्रतिशत, चूहों से 6 प्रतिशत और अन्य कारणों से 8 प्रतिशत फसल खराब हो जाती है. इसी नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने कैबिनेट में यह निर्णय लिया है. इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी वहीं उनका अनाज लंबे समय तक सुरक्षित रह सकेगा.
वहीं कैबिनेट में किसानों को अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसके भंडारण के लिए 2 क्विंटल से लेकर 5 क्विंटल तक की क्षमता वाले बखारी में 50 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला लिया है. इसके लिए योगी सरकार ने साल 2022 से 2027 तक 41 लाख 42 हजार खर्च करने का फैसला लिया है. बता दें, इस रकम को किसान योजना के तहत दिया जाएगा.