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UP Rains: कम बारिश ने बर्बाद कीं खरीफ की फसलें, रबी के लिए ज्यादा बारिश बन रही मुसीबत?

किसानों के मुताबिक अगर रबी की फसलों की बुवाई 15 अक्टूबर के बाद शुरू होगी तो इसके पैदावार पर असर पड़ेगा. पहले ही खरीफ की फसल, सूखे की मार के चलते बर्बाद हो चुकी है. अब रबी की फसलों पर भी संकट आ गया है.

Hamirpur farmers are in worry after continuous heavy rain Hamirpur farmers are in worry after continuous heavy rain
नाह‍िद अंसारी
  • हमीरपुर,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

Heavy Rain In Hamirpur: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों लगातार बारिश हो रही है. बुंदेलखंड के हमीरपुर और महोबा में भारी बारिश से खेतों में लबालब पानी भर गया है, जिससे किसान बेहद परेशान हैं. दरअसल, ये महीना दलहनी और तिलहनी फसलों की बुवाई का माना जाता है. इस दौरान गेंहू, चना, मटर , मसूर सरसों की बुवाई शुरू होती है.

रबी की फसलों की बुवाई में होगी देरी

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अब भारी बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है जिसकी वजह से बुवाई की शुरुआत नहीं हो पाई है. स्थिति देखते हुए यह बिल्कुल नहीं लग रहा है कि 15 नवंबर से पहले बुवाई शुरू भी हो पाएगी. किसानों के मुताबिक अगर रबी की फसलों की बुवाई 15 अक्टूबर के बाद शुरू होगी तो इसके पैदावार पर असर पड़ेगा. पहले ही खरीफ की फसल सूखे की मार के चलते बर्बाद हो चुकी है. अब रबी की फसलों पर भी संकट आ गया है.

हमीरपुर में बीते तीन दिनों से बारिश

हमीरपुर सहित आसपास के जिलों में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है. बीते तीन दिन से यहां लगातार बारिश हो रही है. अभी 12 अक्टूबर तक बरसात की चेतावनी है. यहां के किसान साल भर में दो ही फसल लगाते हैं. इस साल समय से बारिश नहीं हुई. इसकी वजह से आधे से अधिक किसानों ने खरीफ की फसल नहीं बोईं. नदी के आसपास के इलाकों में जिन्होंने खरीफ की फसल बोई थी वह बाढ़ की भेंट चढ़ गई.  अब रबी की फसल बोने का समय आया तो बरसात पीछा ही नहीं छोड़ रही.

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क्या कहता है प्रशासन?

हमीरपुर जिले के उप निदेशक कृषि हरिशंकर सिंह ने बताया की अकेले हमीरपुर जिले में ढाई लाख हेक्टेयर में रबी की फसल बोई जाती है. इसमें मुख्य रूप से दलहनी और तिलहनी फसलों में गेंहू, चना, मटर, सरसो और मसूर शामिल हैं. 15 अक्टूबर से दलहनी और तिलहनी फसलों की बुआई शुरू हो जाती है.वह आगे कहते हैं इस साल अक्टूबर में हो रही बरसात से बुवाई पिछड़ेगी तो जरूर फसलों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

किसानों का क्या कहना है?

किसान संतोष सिंह ने बताया की उन्होंने अपनी 60 साल की उम्र में कभी भी अक्टूबर महीने में इतनी बारिश नहीं देखी है. वहीं किसान वारिस कहते हैं कि उनके खेतों में करीब एक फिट पानी भरा हुआ है. यह पानी कब सूखेगा और कब फसल बोई जाएगी यह तो सिर्फ ऊपर वाला ही जानता है.

हर साल की है यही कहानी

बता दें बुंदेलखंड के किसानों की मुसीबतें खत्म होने का नाम नही ले रही हैं. पिछले कई सालों से कभी सूखा, कभी बाढ़, कभी दैवीय आपदाओं ने उन्हें बर्बाद और तबाह कर दिया है. इस साल समय पर बारिश न होने से खरीफ की फसल बोई ही नहीं जा सकी थी तो अब रबी फसलों की बुवाई भी पिछड़ रही है.

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