गंगा किनारे 'माधुरी' तरबूज की खेती कर रहे हैं किसान, यूं हो रहा बंपर मुनाफा

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के भदौरा, रेवतीपुर, जमानियां,  दिलदारनगर और फौजी गांव के किसान गंगा के किनारे लीज पर जमीन लेकर तरबूज और खरबूज के साथ ही लौकी, भिंडी, कद्दू, खीरा और ककड़ी आदि की खेती भी कर रहे हैं. जिससे उन्हें बढ़िया मुनाफा हो रहा है.

Advertisement
tarbooj ki kheti tarbooj ki kheti

विनय कुमार सिंह

  • गाजीपुर,
  • 21 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

गाजीपुर और आस-पास के क्षेत्रों में इन दिनों तरबूज की खेती खूब मशहूर हो रही है. किसान गंगा किनारे रेतीले खेतों में माधुरी तरबूज की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. माधुरी तरबूज के एक फल का वजन 8 से 12 किलो होता है. इसे उगाने वाले किसानों को मोटा मुनाफा हो रहा है. ये तरबूज सवा दो महीने में तैयार हो जाता है.

Advertisement

लीज पर जमीन लेकर खेती कर रहे हैं किसान

भदौरा, रेवतीपुर, जमानियां,  दिलदारनगर और फौजी गांव के किसान गंगा के किनारे लीज पर जमीन लेकर तरबूज और खरबूज के साथ ही लौकी, भिंडी, कद्दू, खीरा और ककड़ी आदि की खेती भी कर रहे हैं. रेवतीपुर के रहने वाले अनिल और पारस यादव के मुताबिक, इस बार उन्होंने प्रयोग के तौर पर लीज पर लिए खेतों में तरबूज की खेती कराई है. बनारस से माधुरी नस्ल के तरबूज के बीज को लाकर उन्होंने अपने खेतों में बोया है.

सिर्फ 75 दिन में तैयार हो जाता है ये तरबूज

अनिल बताते हैं कि माधुरी नस्ल के तरबूज के छिलके पतले होते हैं. एक फल की औसत वजन 8 से 12 किलो के बीच होता है. इस नस्ल को खेतों में बीज लगाए जाने के बाद लगभग सवा दो से ढाई महीने यानी अमूमन 75 दिनों में तरबूज तैयार हो जाता है.

Advertisement

दूसरे राज्यों में तरबूज का होता है निर्यात

पारस और अन्य किसानों के अनुसार प्रति बीघा तरबूज बोने का खर्च लगभग 18 से 19 हजार के करीब आता है. जून के महीने से फलों की अंतिम रूप से हार्वेस्टिंग (तुड़ाई) शुरू हो जाती है. स्थानीय मार्केट के साथ ही तरबूज को हम किसान मिलकर बड़े ट्रक के माध्यम से गाजीपुर की बड़ी सट्टी, पाताल गंगा सब्जी मंडी,  वाराणसी की पहाड़ियां मंडी तक भेजते हैं. इसके अलावा इस तरबूज को झारखंड, बंगाल और ओडिशा तक भेजा जाता है. किसानों का दावा है कि तरबूज की खेती से ढाई महीने में नगद पैसा मिल जाता है. कमाई भी कई गुना बढ़ जाती है.

सब्जियों और फलों की खेती का बढ़ा चलन

गाजीपुर में किसानों को तरबूज की फसल से अच्छी कमाई हो रही है. किसानों की मानें तो इलाके के अन्य किसान भी धान, गेहूं की पारंपरिक खेती के साथ ही फलों और सब्जियों की खेती करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.  किसान 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से लीज पर जमीन लेकर भी सीजनल सब्जियों और फलों की खेती कर रहे हैं. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement