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सांप काटने से हो गई मौत तो परिजनों को 4 लाख रुपये देगी ये राज्य सरकार

सर्पदंश से मौत पर मुआवजा लेने के लिए परिजनों के पास पीड़‍ित की पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट होनी जरूरी है. उसी के आधार पर पीड़‍ित परिवार को मदद का पैसा मिलता है. ऐसे में यदि सांप के कांटने से किसी की मौत हो जाए तो परिजनों को चाहिए क‍ि वे शव का पोस्‍टमॉर्टम कराएं.

Compensation on snake bite Compensation on snake bite
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 10 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST

खेती-किसानी के दौरान किसानों को कई मुश्किलों से दो-चार होना पड़ता है. सर्पदंश भी इन्हीं में से एक है. खेतों में काम करते वक्त कई बार किसानों की सर्पदंश से मौत हो जाती है. ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार सांप के काटने पर मौत होने पर 4 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है. सांप काटने को राष्ट्रीय आपदा में भी शामिल किया गया है.

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इन सालों में सर्पदंश से हुई इतनी मौत

सांप काटने से 97 फीसदी मौतें गांव कस्बों में हुई है. सांपों के काटने से पुरुषों की मौत महिलाओं के मुकाबले ज्‍यादा हुई है. इसकी एक वजह पुरुष किसानों का खेतों में काम करना भी है. वर्ष 2020-21 में 27 मौतें, 2022-22 में 85 मौतें, साल 2022-23 में 65 मौतें, और वर्ष 23-24 की शुरुआत में ही 34 मौतें हो चुकी हैं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट जरूरी

लखनऊ के सीएमओ मनोज अग्रवाल के मुताबिक, मुआवजा लेने के लिए पीड़‍ित का पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट सबसे जरूरी है. उसी के आधार पर पीड़‍ित परिवार को मदद का पैसा मिलता है. ऐसे में यदि सांप के कांटने से किसी की मौत हो जाए तो तुरंत बाद परिजनों को चाहिए क‍ि वे पीड़‍ित का पोस्‍टमॉर्टम कराएं.

मुआवजे के लिए अपनानी होगी ये प्रकिया

मुआवजा राशि पाने के लिए परिजनों को सिर्फ दो काम करने होते हैं, उसके बाद पूरी कार्रवाई प्रशासन करता है. पहला काम ये है कि अगर किसी की मौत सर्पदंश से हुई है तो उसके परिजन तत्‍काल लेखपाल को इसकी सूचना दें. इसके बाद पीड़‍ित को पोस्‍टमॉर्टम के लिए ले जाएं और उसकी रिपोर्ट जिसमें सर्पदंश से मौत की पुष्टि हुई है, लेखपाल को दे दें. उसके बाद पूरा काम लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एडीएम अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को देते हैं.

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आपदा राहत कोष से किसानों को दिए जाएंगे पैसे

जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपने के बाद लेखपाल मौके पर जाकर पीड़‍ित परिवार का अकाउंट नंबर, आधार कार्ड आदि कागजात इकट्ठे करता है. इसके बाद  एसडीएम से अनुमति मिलते हुए एडीएम फाइनेंस पास आती है और जिले के आपदा राहत कोष से पैसा तत्‍काल पीड़ित परिवार के खाते में 4 लाख रुपये भेज दिया जाता है.

 

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