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Farmer Accident Welfare Scheme: खेत में दुर्घटना होने पर किसान को मिलेंगे 5 लाख रुपये, ऐसे करें आवेदन

Farmer Accident Welfare Scheme: कई बार ऐसी खबरें सामने आती हैं कि खेती करते वक्त किसान दुर्घटना का शिकार हो जाता है या फिर उसकी मृत्यु हो जाती है. इससे उस किसान के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है. हालांकि, किसान और उसके परिवार को सहारा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मदद भी करती है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST
  • किसान की मृत्यु हो जाने पर 5 लाख
  • विकलांग हो जाने की स्थिति में 2 लाख

Chief Minister Farmer Accident Welfare Scheme: भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में खेती-किसानी का अहम रोल है. लॉकडाउन में जब सारे सेक्टर का ठप पड़े हुए थे तो खेती किसानी ने अर्थव्यवस्था को गिरने से बचा रखा था. ऐसे में सरकार भी किसानों की आय बढ़ाकर उनका जीवनस्तर बेहतर करने का तमाम प्रयास करती रहती है.

कई बार ऐसी खबरें सामने आती हैं कि खेती करते वक्त किसान दुर्घटना का शिकार हो जाता है या फिर उसकी मृत्यु हो जाती है. इससे उस किसान के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है. हालांकि, किसान और उसके परिवार को सहारा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मदद भी करती है. यदि किसान की खेती करते समय मृत्यु हो जाती है या फिर शारीरिक रूप से विकलांग हो जाता है तो उसके परिवार के सदस्यों को मुआवजे के रूप में सहायता राशि प्रदान की जाती है.

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इस योजना के तहत खेती करते वक्त किसान की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को 5 लाख या फिर विकलांग हो जाने की स्थिति में 2 लाख तक की आर्थिक राशि प्रदान की जाती है. इस योजना का लाभ किसान की बेटी, पत्नी, पोता, बेटा, माता, पिता के अलावा जो व्यक्ति खेती के बटाईदार में शामिल है वह भी उठा सकता है. इसके अलावा योजना का लाभ लेने के लिए किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

जब किसान की मृत्यु हो जाती एवं किसान विकलांग हो जाता है, तो किसान के परिवार के सदस्यों को फॉर्म दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर भर कर नजदीकी तहसील कार्यालय में सभी जरुरी दस्तावेजों के साथ फॉर्म को जमा करना होता है. इसके अलावा विलंब हो जाने की स्थिति में किसान को एक एप्लीकेशन फ़ोरम डीएम के हस्ताक्षर के साथ सबमिट करना होता है. इसके बाद सरकार द्वारा अवलोकन करने के बाद किसान के परिवार के खाते में पैसे पहुंचा दिए जाते हैं.

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