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आवारा पशुओं की समस्‍या के लिए योगी सरकार ला रही PPP प्‍लान, मजबूत होगी अर्थव्यस्था

योगी सरकार छुट्टा जानवरों के जरिए प्रदेश की अर्थव्यवस्था बेहतर करने की कोशिश कर रही है. इसके जरिए पीपीपी मोड में गौशालाओं का निर्माण करने पर जोर दिया जा रहा है. पीपीपी मोड में गौशालाओं को नेचुरल फार्मिंग, गोबर पेंट, सीएनजी, सीबीजी से जोड़ा जाएगा. इसके जरिए प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत किया जाएगा.

Stray cattles Stray cattles
अभिषेक मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 05 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार छुट्टा पशुओं की समस्या को लेकर बेहद गंभीर होने का दावा करती है. इन सबके बावजूद पशुपालन विभाग के आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में 11.84 लाख मवेशी सड़कों पर हैं. राज्य में 600 से ज्यादा गौशालाएं चलाए जा रहे हैं. इन गौशालाओं में तकरीबन 9,00,000 पशु पाले जा रहे हैं. हालांकि, किसान अभी भी आवारा जानवरों से अपनी फसल बचाने के लिए जद्दोहद कर रहे हैं. कई जगह किसानों की रात भर खेतों की रखवाली करने की तस्वीरें भी सामने आ रही है. अब योगी सरकार इन्हीं छुट्टा जानवरों के जरिए प्रदेश की अर्थव्यवस्था बेहतर करने की कोशिश कर रही है.

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देशभर में इतने आवारा पशु सड़कों पर
पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी 20वीं पशुधन गणना के मुताबिक देश में 50.21 लाख आवारा मवेशी सड़कों पर घूम रहे हैं. इनमें राजस्थान में सबसे अधिक 12.72 लाख और उत्तर प्रदेश में 11.84 लाख मवेशी सड़कों हैं.  देश भर में आवारा पशुओं को पालने में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च है. मवेशियों के वध पर प्रतिबंध और गौरक्षकों के डर से आवारा पशुओं की समस्या तेजी से बढ़ी है. यूपी में दूध न देने वाले पशुओं को पालना किसानों के लिए मुश्किल होता जा रहा है.

छुट्टा पशु यूपी की अर्थव्यवस्था में निभा सकते हैं अहम भूमिका
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौशालाओं को खुद की एक अलग अर्थव्यवस्था बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है. उनका मानना है कि छुट्टा पशु यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूम‍िका न‍िभा सकते हैं.  यूपी सरकार नई नीत‍ि के तहत पीपीपी मोड में गौशालाओं का निर्माण करने पर काम कर रही है.

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ऐसे आर्थिक रूप से मजबूत होंगी गौशालाएं
पीपीपी मोड में गौशालाओं को नेचुरल फार्मिंग, गोबर पेंट ,सीएनजी ,सीबीजी जोड़ा जाएगा. इससे गौशालाएं खुद आर्थिक रूप से मजबूत होंगे. साथ ही खुद ही का खर्च उठा पाने में भी सक्षम हो जाएंगे. मुख्यमंत्री ने इन गो-आश्रय स्थलों के संचालन के लिए एनजीओ के साथ-साथ एम.ओ.यू करने पर भी जोर दिया है.

आवारा पशुओं को रखने पर 900 रुपये महीने
06 अगस्त, 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 'मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहायता योजना' को मंजूरी दी थी. इसके तहत आवारा पशुओं को रखने वाले लोगों को राज्य सरकार प्रतिदिन 30 रुपये (महीने में 900 रुपये) देती है. राज्य सरकार ने इस योजना पर करीब 109.5 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया था. इंडियास्पेंड में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25 सितंबर, 2021 तक 53,522 लोगों को 98,205 मवेशी दिए जा चुके हैं. हालांकि अगर इसकी तुलना उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या से करें तो यह बहुत कम है.

 

 

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