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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जुलाई को पीएम किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त जारी की थी. इसी दौरान ‘यूरिया गोल्ड’ भी लॉन्च किया गया था. यह यूरिया गोल्ड, यूरिया की एक नई किस्म है, जो सल्फर कोटेड यूरिया (SCU) होता है. इसलिए इसे सल्फर यूरिया भी कहते हैं. इसके इस्तेमाल से पौधों में नाइट्रोजन इस्तेमाल करने की क्षमता बढ़ती है. इससे पौधों का विकास अच्छे तरीके से होता है और उपज भी बढ़िया होती है.
मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाने में मदद करता है यूरिया गोल्ड
दिन प्रतिदिन मिट्टी की उर्वरकता में कमी दर्ज की जा रही. ऐसे में यूरिया गोल्ड का आना किसानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. दरअसल, फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए खेतों में सल्फर और खनिजों का होना जरूरी है. ऐसे में जिन खेतों में इन तत्वों की कमी है, उनमें यूरिया गोल्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है. यूरिया गोल्ड इन कमियों को दूर कर मिट्टी को उपजाऊ बनाती है.
किसानों को यूरिया गोल्ड के इस्तेमाल से ऐसे होगा फायदा
विशेषज्ञों की मानें तो यूरिया गोल्ड के इस्तेमाल से पौधों में नाइट्रोजन के उपयोग करने की क्षमता में इजाफा होता है. इसके इस्तेमाल से उर्वरक की खपत भी कम होती है, साथ ही फसल की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होती है. अगर किसान अपने खेतों में यूरिया गोल्ड का इस्तेमास करना चाहते हैं तो सबसे पहले मिट्टी की जांच करना लेनी चाहिए. मिट्टी की जांच के बाद अगर खेतों में जरूरी तत्वों की कमी पाई जाती है तो कृषि विशेषज्ञ या किसान सलाहकार से सलाह लेते हुए इसका अपने खेतों में उपयोग करें.
यूरिया गोल्ड पर सब्सिडी को लेकर अभी तक नहीं हुआ है कोई फैसला
सरकार द्वारा अभी तक यूरिया गोल्ड के मूल्य पर सब्सिडी देने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. हालांकि, सरकार मौजूदा यूरिया की बोरी पर किसानों को भारी सब्सिडी देती है. इस समय यूरिया की एक बोरी पर करीब 2000 रुपये की सब्सिडी है. किसानों को महज ढाई सौ रुपये में यूरिया का बैग मिलता है.