
यूपी के इटावा जनपद में गेहूं खरीदने के लिए सरकारी व्यवस्था के तहत 58 केंद्र खोले गए हैं. किसानों के बैठने से लेकर पानी तक की व्यवस्था समुचित की गई है. इंतजाम समुचित होने के बाद भी एक भी किसान एक दाना गेहूं का बेचने नहीं आया है, जबकि अब तक प्राइवेट दुकानों पर गेहूं की बिक्री धड़ाधड़ हो रही है.
किसानों की भीड़ देखी जा सकती है. सरकारी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 58 केंद्र खोले गए हैं. लेकिन किसानों से गेहूं नहीं खरीदा जा सका है.
इस संबंध में क्रय केंद्र प्रभारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लगातार बाजार में प्राइवेट दुकानों पर गेहूं की खरीद 2050 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक की हो रही है. सरकारी समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है. ऐसे में किसान अच्छे भाव में बेचने के कारण वह आढतियों की दुकान पर गेहूं की बिक्री कर रहा है.
किसान को बाजार में अच्छा भाव मिल रहा है और नगद पैसे भी मिल रहे हैं. वह अपने गेहूं को प्राइवेट दुकानों पर बेच रहा है. सरकारी केंद्रों पर बेचने नहीं आ रहा है. सरकारी केंद्र पर बेचने के लिए उसको ऑनलाइन टोकन लेना पड़ता है इन सब व्यवस्थाओं से बचने के लिए भी वह आसानी से प्राइवेट दुकानों पर बेच रहा है.
जब इस संबंध में खाद्य विपणन अधिकारी संतोष कुमार पटेल से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी गेहूं मात्र 10% ही कट कर बाजार में पहुंचा है 90% खेतों में खड़ा है. गेहूं की आमद कम होने से बाजार का भाव अधिक है इसलिए किसान वहां बिक्री कर रहा है जैसे ही गेहूं की कटाई अत्यधिक होगी किसान सरकारी केंद्रों पर बिक्री करने पहुंचेगा और बाजार का भाव कम होगा जब बाजार का भाव दो हजार पंद्रह रुपए प्रति क्विंटल से कम हो जाएगा.
(रिपोर्ट- अमित तिवारी)