
बिहार का मुजफ्फरपुर लीची की खेती के लिए ज्यादा मशहूर है. सेब की खेती आमतौर पर बिहार में नहीं होती है. हालांकि, जिले के एप्पल मैन कहलाने वाले राजकिशोर ने सेब की खेती में सफलता हासिल करके सभी को चौंका दिया है. फिलहाल, वह जिले भर में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं.
इस सीजन में 2 लाख रुपये की आमदनी
राजकिशोर ने सेब के कुल ढाई सौ पौधे लगा रखे हैं. एक पौधे की कीमत सौ रुपये है. पौधे पर वह सिर्फ जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं. सेब के एक पेड़ पर मिनिमम 50 किलो तक सेब आते हैं. सिर्फ दो साल के सेब के प्रति पौधे पर 5KG तक फल लगा हुआ है. 250 पेड़ों से राजकिशोर को इस सीजन में 2 लाख की आमदनी हो चुकी है.
ऐसे आया सेब की खेती का विचार
राज किशोर सिंह कुशवाहा बताते हैं कि वह साल 2018 में राजस्थान के सीकड़ गए. यहां के किसान राम करण के यहां सेब की खेती होते देखी. इसके बाद खुद भी मुजफ्फरपुर में सेब की खेती करने का फैसला किया. इसपर रिसर्च किया. जानकारियां जुटाई. आज हिमाचल प्रदेश जाकर सेब के पौधे लाए. इस सीजन मुझे 2 लाख की आमदनी हासिल हो चुकी है.
अन्य किसान भी सेब की खेती की तरफ दिखा रहें दिलचस्पी
राजकिशोर के मुताबिक, उनके सेब के बाग को देखकर अन्य किसान भी इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं. वे मुझसे जानकारियां हासिल कर रहे हैं. यहां से सेब के पौधे लेकर जा रहे हैं. इससे उनकी कमाई तो हो रही है. साथ ही जिले में सेब की खेती का रकबा भी बढ़ रहा है. किसान मुजफ्फरपुर में HRMN 99,अन्ना, डोरसेट गोल्डन प्रजाति के पौधे लगा सकते हैं. ये पौधे यहां कि मिट्टी के लिए काफी अनुकूल है.