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Gerbera Flower Farming: भारतीय किसान अब परंपरागत खेती से इतर वह नई फसलों को की खेती करने लगे हैं. शरद ऋतु, वसंत ऋतु और बरसात के मौसम में बोये जाने वाले इस फूल की खेती से किसान बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.
कई रंग के होते हैं इसके फूल
जरबेरा का फूल एक बारहमासी पौधा है. इस फूल में पीले, नारंगी, सफेद, गुलाबी, लाल और कई अन्य रंगों के होते है. ये इसकी सुंदरता को बढ़ाते है. साथ ही डंडे काफी लंबे और हरे रंग के होते हैं.
यहा होता है इन फूलों का उपयोग
जरबेरा के फूलों का उपयोग शादी समारोह में सजावट के लिए किया जाता है. इसके अलावा पत्तो का इस्तेमाल आयुर्वेदक औषिधियों में भी किया जाता है. इसके बीज दो सप्ताह में अंकुरित हो जाते हैं. इसका रोपण कटिंग विधि से भी किया जा सकता है. इसके पौधे को लगाने से पहले खेतों की जुताई दो से तीन बार कर लेनी चाहिए.
रखें ये सावधानियां
इसकी खेती करने के लिए हल्की बलुई दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा उपयुक्त है. इस दौरान खेतों में जलनिकासी व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए. पानी लगने की वजह से इसके पौधे सड़ जाते हैं और कई तरह के रोग लग जाते हैं. ध्यान रखें कि जिस भी जगह इसकी खेती की जा रही हो वहां धूप सही ढ़ंग से पहुंचता हो. धूप ना मिलने पर प्लांट की ग्रोथ पर इफेक्ट होता है. और पौधे में फूल आना कम हो जाता है. ऐसे में किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
बंपर है मुनाफा
जरबेरा की खेती में जुताई से लेकर कटाई तक प्रति हेक्टेयर लगभग 2-3 लाख रुपए तक की कुल लागत आ जाती है. बाजार में इसकी कीमतें अच्छी है. ऐसे में इसके फूलों को बेचकर किसान आराम से लगभग 7 से 8 लाख रुपए आराम से कमा सकता है.