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पराली न जलाकर किसान कर सकते हैं कमाई, ये है आसान तरीका

हरियाणा सरकार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधंन स्कीम के तहत सीटू व एक्स सीटू मैनेजमेंट के अंतर्गत किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये उपलब्ध करा रही है. हरियाणा सरकार की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कराने के बाद इस योजना का लाभ ले सकते हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

देश के कई राज्यों में धान की फसल की कटाई चल रही है. वहीं कुछ राज्यों में तो इसके खरीद की प्रकिया भी शुरू हो चुकी है. इन सबके बीच दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. हरियाणा सरकार ने इससे निपटने के लिए एक नया तरीका निकाला है. खट्टर सरकार किसानों को पराली नहीं जलाने पर प्रति एकड़ 1 हजार रुपये दे रही है.

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पराली न जलाकर पैसा कमाने का मौका

हरियाणा सरकार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधंन स्कीम के तहत सीटू व एक्स सीटू मैनेजमेंट के अंतर्गत किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपए उपलब्ध करा रही है. अगर आप हरियाणा के किसान हैं तो मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कराने के बाद राज्य सरकार की इस योजना का लाभ ले सकते हैं.

किसानों को सिखाया जाएगा ये प्रबंधन

इस स्कीम के तहत हरियाणा सरकार किसानों को बेलर मशीनों के माध्यम से पराली की गांठे बनाने का तरीका भी सिखाएगी. इन गांठों को किसान बेचकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा किसानों को धान के फानों को जमीन में कृषि मशीनों के सहारे दबाया जाने की प्रकिया भी बताई जा रही है. ऐसा करने से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाता है. साथ ही पराली न जलाने से प्रदूषण से निजात पाया जा सकता है. 

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मशीनों पर भी मिलती है सब्सिडी

बता दें सरकार फसल अवशेष प्रबंधंन स्कीम के तहत किसानों के सब्सिडी पर 50 से 60 प्रतिशत सब्सिडी पर खेती की मशीनें भी उपलब्ध करा रही है. इसका उपयोग कर किसान पराली की समस्या का निस्तारण कर सकता है. इसके अलावा किसानों से अब हरियाणा सरकार इस बार एमएसपी पर पराली खरीदने की प्रकिया की शुरुआत कर रही है. किसानों के लिए ये सुविधा काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. वह पराली बेच कर ठीक-ठाक मुनाफा कमा सकते हैं.

 

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