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सेब की खेती कश्मीर के किसानों के लिए आमदनी का सबसे बड़ा जरिया है. यहां उगाए जाने वाली किस्मों की पूरी दुनिया में डिमांड है. राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सेब उत्पादन का योगदान कुल 10 प्रतिशत है. कश्मीर में अभी भी तकरीबन 35 लाख लोग सेब की खेती या फिर व्यापार से जुड़े हुए हैं.
हाई डेंसिटी प्लांटेशन पर जोर
मौसमी हालत को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन और हॉर्टिकल्चर विभाग ने यहां हाई डेंसिटी प्लांटेशन पर जोर दिया. इससे किसानों की आमदनी तकरीबन दोगुनी हो गई है. इस नए प्रयोग में इटली और यूरोप के कई देशों से सेब के पेड़ मंगाकर कश्मीर में लगाए जा रहे हैं. ये सेब समय से 15 दिन पहले ही तैयार हो जाते हैं. बाजार में इनकी कीमत भी अच्छी बनी हुई है.
सेब की खेती से इस किसान को हुई 10 लाख की कमाई
मुश्ताक अहमद एक ऐसे ही किसान हैं. उन्होंने बड़गाम जिले के वदीपोरा इलाके में अपने 10 कनाल जमीन पर हाई डेंसिटी प्लांटेशन की दो साल पहले शुरू की थी. इस साल उनके खेत में 10 लाख की फसल पैदा हुई है. मुश्ताक का कहना है कि 2019 में उन्होंने अपने खेत में बादाम के पेड़ निकालकर हाई डेंसिटी एप्पल प्लांटेशन किया. सिर्फ एक साल के बाद ही उनके पेड़ों पर फसल आई. अब 3 साल बाद उनके बगीचे में भरपूर और हाई क्वालिटी के सेब की पैदावार हुई है. कश्मीर में अब बड़ी संख्या में किसान हाई डेंसिटी एप्पल प्लांटेशन की ओर रुख कर रहे हैं.
सरकार सब्सिडी भी दे रही है
सेब के हाई डेंसिटी प्लांटेशन के लिए जम्मू-कश्मीर हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की तरफ से 50% की सब्सिडी भी मिल रही है. साथ-साथ हॉर्टिकल्चर डिपार्मेंट द्वारा किसानों को उत्साहित करने के लिए हर तरह की तकनीकी जानकारियां भी किसानों के खेतों तक पहुंचाई जा रही है. किसानों में जागरुकता फैल रही है. इसके चलते कश्मीर में पढ़े लिखे युवा भी खेती की ओर रुचि दिखाने लगे हैं. फिलहाल यहां के हाई डेंसिटी एप्पल प्लांटेशन उनके लिए रोजगार का साधन ही नहीं बल्कि आमदनी का बेहतरीन जरिया बनता जा रहा है.