
Jammu-Kashmir Walnut Cultivation: केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आने वाले समय में किसानों की आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रहे हैं. इसके लिए कई ऐसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, जिससे किसानों में मुनाफे वाली फसलों की खेती की आदत विकसित हो.
नई फसलों की तरफ किसानों का बढ़ा रुझान
जम्मू कश्मीर में किसान बड़े पैमाने पर सेब की खेती करते हैं. लेकिन इधर कुछ सालों से वहां के किसानों के बीच लैवेंडर और अखरोट की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है. कई ऐसे किसान हैं जो पारंपरिक खेती से इतर अखरोट की खेती (Walnut Cultivation) से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार का बागवानी विभाग भी किसानों के लिए इस फसल की नई-नई तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है.
किसान कमा रहे लाखों का मुनाफा
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर का पंचारी गांव (Panchari Village) किसान बहुल क्षेत्र माना जाता है. इससे पहले यहां के किसान पारंपरिक खेती पर निर्भर थे. लेकिन पिछले कुछ समय से वे अखरोट की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. संरपंच कुलदीप कुमार कहते हैं कि बागवानी विभाग ने जिस तरह हमारी मदद की उसके लिए हम उनके आभारी हैं. आज इस गांव के सैकड़ों लोगों की आजीविका अखरोट की खेती पर ही निर्भर है. भूमिहीन किसानों को और मजदूरों के लिए भी इससे रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारे लिए आस-पास ही एक स्टोर या बाजार खोला जाए ताकि हम अपने फलों को आसानी से बेच सकें और लागत में भी कमी आए.
अखरोट की खेती का क्या है तरीका?
अखरोट की खेती पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है और ठंड का मौसम इसके लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. रोपण से कुछ महीने पहले पहले किसान भाई नर्सरी और ग्राफ्टिंग विधि से इसका पौध तैयार करना शुरू कर देते हैं. पौध तैयार करने के बाद दिसंबर और जनवरी के महीने में इसकी खेतों में इसकी रोपाई करना शुरू कर दिया जाता है.
अखरोट के सेवन के कई फायदे
कई रिसर्च में ये तथ्य निकल कर सामने आए हैं कि अखरोट में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, कॉपर मौजूद होता है. ये सभी मिनरल्स शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं. साथ ही ये फल डायबिटीज और कोलेस्ट्रोल मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद बताया जाता है.