
30 एकड़ में शरीफे की खेती करती हूं. इसमें 6 लाख रुपये की लागत आती है. सालाना 20-25 लाख रुपये के आस-पास का मुनाफा हासिल हो जाता है. साथ ही पक चुके शरीफे से पल्प निकालती हूं. इसका प्रयोग आइसक्रीम, जूस और रबड़ी बनाने में करती हूं. इनकी बिक्री से भी 3 लाख तक का अलग मुनाफा हो जाता है. ये शब्द हैं एक सफल महिला किसान के. खेती में अपनी सफलता के बारे में बताने पर ललिता की आंखों में आत्मविश्वास साफ झलकता है.
मिल चुके हैं पुरस्कार
55 साल की ललिता मुकाती मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के बोड़लई गांव की रहने वाली हैं. वह मध्य प्रदेश की ही नहीं बल्कि पूरे भारत की महिलाओं के लिए एक उदाहरण हैं. उन्हें भारत सरकार द्वारा 1999 में इनोवेटिव किसान पुरस्कार और फिर 2019 में भी हलधर पुरस्कार भी दिया जा चुका है.
रासायनिक खाद्य का नहीं करती हैं इस्तेमाल
ललिता बताती हैं कि शरीफे की खेती के दौरान वह रासायनिक खाद का बिल्कुल उपयोग नहीं करती हैं. इसकी जगह वह सिर्फ जैविक खाद का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में खेती किसानी में उनकी लागत ज्यादा नहीं हैं. वह नीम के फल से खली और तेल तैयार करती हैं. नीम के फल से बने तेल का उपयोग करने से खेतों में कीट नहीं लगते हैं. इसके अलावा वह वर्मी कम्पोस्ट और जीवामृत का खाद्य भी घर पर बनाती हैं. इससे उनकी लागत में भी कमी आती है.
खुद ही खेतों की करती थीं जुताई
ललिता 1996-97 से ही खेती-किसानी में पूरी तरह से सक्रिय हैं. शुरुआत में वह खुद ही खेतों में फावड़ा चलाती थीं, साथ ही ट्रैक्टर से भी खेतों की जुताई खुद ही किया करती थीं. अब कमर दर्द की शिकायत के चलते वह खेतों में ट्रैक्टर नहीं चलाती हैं. हालांकि, खेती से जुड़े अन्य काम वह अभी भी करती हैं.
शरीफे की खेती से 20 से 25 लाख रुपये का मुनाफा
कुल 30 एकड़ शरीफे की खेती में ललिला मुकाती 5 से 6 लाख रुपये खर्च होती है. शरीफा का बाजार बेहद आसानी से उपलब्ध है. आसपास के सभी मंडियों में इसका फल आसानी से बिक जाता हैं. मांग ज्यादा होने पर 150 किलो रुपये तक इस फसल की बिक्री होती है. सब मिलाकर उन्हें 20 से 25 लाख रुपये का मुनाफा हो जाता है.
पके हुए शरीफे का ऐसे करती हैं उपयोग
ललिता मुकाती बताती हैं कभी-कभी खेतों में ही शरीफा पक जाता है. ऐसे में ये मार्केट में नहीं बिकता है. बिकता भी है तो 20 से 25 रुपये किलो. इससे किसानों को काफी नुकसान भी झेलना पड़ता है. लेकिन ललिता मुकाती ने इसका भी तोड़ निकाल निकाल लिया है. वह अब पके हुए शरीफे से आइसक्रीम, जूस और रबड़ी बनाती हैं. इसे मार्केट में बेचती हैं और बढ़िया मुनाफा कमाती हैं.