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राजस्थान के बारां जिले के.केलवाड़ा में कृषि विभाग एवं किसानों की सहकारी संस्था (इफको) ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कस्बे में ड्रोन से गेहूं की फसल में इफको नैनो यूरिया का छिड़काव का प्रदर्शन किया. इसे देखने के लिए क्षेत्र के प्रगतिशील किसान, कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, एनजीओ, खाद-बीज विक्रेता सहित करीब 500 से अधिक लोग मौजूद रहे.
किसानों को प्रेरित करना उद्देश्य
इस प्रदर्शन का उद्देश्य किसानों को ड्रोन से छिड़काव करने के लिए प्रेरित करना था. ड्रोन तकनीक से छिड़काव करने से कम लागत लगती है और इससे कम समय में अधिक क्षेत्र में समान रूप से छिड़काव किया जा सकता है. ड्रोन छिड़काव के दौरान किसानों में उत्सुकता दिखाई दी. किसानों ने ड्रोन तकनीक से छिड़काव की जानकारी ली.
ड्रोन खरीदने पर मिल रही सब्सिडी
कृषि मंत्रालय द्वारा सहकारी समिति किसानों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों को कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा ड्रोन की मूल लागत के 40% की दर या अधिकतम 4 लाख रुपयों तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
एक भी बार में ज्यादा एकड़ में छिड़काव
किसी भी फसल में अचानक बीमारी आ जाने के कारण स्प्रे करना असंभव होता था लेकिन इस ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े एरिया में छिड़काव किया जा सकेगा. इससे दवा और समय दोनों की बचत होगी. पहले समय के अभाव में किसान दवा का छिड़काव नहीं कर पाते थे. जिससे फसलों में कीड़े लग जाते थे और फसलें बर्बाद होती थीं, मगर अब ड्रोन से एक भी बार में ज्यादा एकड़ में छिड़काव हो सकेगा.
किसानों के समय की बचत होगी
इससे किसानों के समय की बचत होगी. साथ ही काफी हद तक खेती-किसानी के लागत में पहले के मुकाबले कमी आएगी. वहीं, फसल पर सही समय में छिड़काव और ड्रोन के माध्यम से उसपर नजर रखने से फसलों पर किसी तरह की बीमारी भी नहीं लगेगी.