North India First Air Conditioned Fish Centre: भारत में बड़ी संख्या में ग्रामीण कृषि और पशुपालन संबंधी कार्यों से जुड़े हुए हैं. इन सबके बीच मत्स्य पालन भी एक ऐसा व्यवसाय उभर कर सामने आया है, जिसमें उम्मीद से ज्यादा संभावनाएं हैं. सरकारें लगातार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को मछली पालन की तरफ रूख करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही हैं. इसी के तहत उत्तर प्रदेश के चंदौली में बहुत जल्द ही उत्तर भारत का पहला अत्याधुनिक वातानुकूलित मछली केंद्र का निर्माण होने जा रहा है.
चंदौली स्थित मंडी समिति के परिसर में करीब एक हेक्टेयर जमीन पर बनने जा रहे इस तीन मंजिला मछली केंद्र का बजट 62 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही मछली पालक और व्यवसायी एक ही छत के नीचे मत्स्य पालन और व्यापार से संबंधित सभी सुविधाएं हासिल कर सकेंगे.
फिलहाल इस मछली केंद्र के निर्माण के लिए मत्स्य विभाग द्वारा नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड, हैदराबाद को प्रस्ताव भेज दिया गया है. अप्रूवल मिलते ही मछली केंद्र के निर्माण की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी. इस अल्ट्रा मॉडर्न मछली केंद्र के बनने से एक तरफ जहां लोगों को लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ मत्स्य पालकों की आय में अच्छा खासा इजाफा होगा..
चंदौली की चर्चा पूरे देश में उत्तर प्रदेश के धान के कटोरे के तौर पर होती है. लेकिन सरकार जिस तरह से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, तो वह दिन दूर नहीं जब आने वाले दिनों में जिले का का नाम मछली उत्पादन के क्षेत्र में भी बड़े गौरव से लिया जाएगा. मत्स्य विभाग के अनुसार पूर्वांचल में मछली पालन का कारोबार तकरीबन 200 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. आने वाले समय में यहां से बड़े पैमाने पर मछलियों को विदेशों में निर्यात किए जाने की योजना है. जिससे मत्स्य पालन का कारोबार तो बढ़ेगा, साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.
इस तीन मंजिला इमारत में होलसेल, रिटेल और मछली पालन से संबंधित सभी उपकरण, दवाएं, चारे को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जाएगा. इमारत में एक एक्सक्लूसिव फिश रेस्टोरेंट भी होगा, जिसमें खानपान के अन्य वस्तुओं के साथ-साथ मछली से बने व्यंजन भी उपलब्ध कराए जाएंगे. बिल्डिंग में ऊर्जा के लिए 400 किलो वाट का सोलर पावर भी लगाया जाएगा. मछलियों से दुर्गंध न फैले, इसके लिए सॉलि़ड ओर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का विशेष ख्याल रखा जाएगा. साथ ही परिसर के अंदर 100 बनाकर मत्स्य पालकों और व्यवसायियों को हैंडओवर किया जाएगा.
चंदौली के नवीन मंडी में बन रहे इस अत्याधुनिक मत्स्य केंद्र में मछलियों को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए एक प्रोसेसिंग यूनिट भी बनाने पर काम चल रहा है. इस यूनिट से मत्स्य पालकों को काफी लाभ मिलने वाला है. अक्सर दूसरे तरीके से स्टोर करने में तकरीबन 15 से 20% मछलियां खराब हो जाती हैं. जिससे मत्स्य पालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
मत्स्य विभाग के डिप्टी डॉक्टर एनएस रहमानी बताते हैं कि कनेक्टिविटी के हिसाब से भी चंदौली एक अच्छी जगह है. यहां ट्रांसपोर्टेशन की हर तरह की सुविधाएं मौजूद है, जहां से मछलियों को बाहर के राज्यो में निर्यात करना आसान होगा. यही नहीं चंदौली से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर वाराणसी के राजातालाब में पेरिशेबल कोल्ड स्टोरेज है. जहां मछलियों को कई दिनों तक ताजा और सुरक्षित रखा जा सकता है.