किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं. इसको लेकर कई स्कीम्स भी लॉन्च किए जा रहे हैं. किसान खेती-किसानी से बढ़िया मुनाफा कमा सके, इसके लिए आर्थिक मदद भी सरकार की तरफ से की जाती हैं. बता दें कि, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसान मछली पालन, डेयरी व्यवसाय और मुर्गी पालन से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन आमदनी का एक बढ़िया स्रोत बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में ग्रामीण भारत के किसान इस व्यवसाय की तरफ रुख कर कर रहे हैं और ठीक-ठाक मुनाफा कमा रहे हैं. सरकार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को मछली पालन की शुरुआत करने के लिए आर्थिक मदद भी प्रदान करती है.
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सितंबर 2020 को पीएम मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई थी. इसे मछली पालन के क्षेत्र में अब तक की चलाई जाने वाली योजनाओं में सबसे बड़ी योजना माना जाता है. इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति और महिलाओं को मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. वहीं, अन्य सभी को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है.
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत भी किसानों को दुग्ध व्यवसाय के लिए 25 फीसदी का अनुदान हासिल कर सकते हैं. यदि आप आरक्षित कोटे से हैं और 33 फीसदी सब्सिडी लेना चाहते हैं तो आपको 10 पशुओं के साथ इस बिजनेस को शुरू करना होगा. इसके लिए एक प्रोजेक्ट फाइल तैयार करके नाबार्ड के कार्यालय में संपर्क करना होगा.
अगर आपके घर के अगल-बगल या पीछे कोई खाली जमीन है तो वहां पर मुर्गियों के लिए बेड़े बना सकते हैं. इस बेड़े को बनाने में ज्यादा पैसे नहीं लगेंगे. घर के आसपास जगह होने की वजह से घरेलू श्रम भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है. इस दौरान सबसे जरूरी काम है मूर्गी की नस्लों का सही तरीके से चुनाव करना.
नेशनल लाइवस्टॉक मिशन स्कीम के तहत भी किसानों को पॉल्ट्री फार्मिंग के लिए 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप नेशनल लाइव स्टॉक पोर्टल पर भी विजिट कर कर सकते हैं. इसके अलावा नाबार्ड के तहत भी मुर्गी पालन के लिए किसानों को बढ़िया सब्सिडी दी जाती है.