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Doodh Ganga Yojana: डेयरी फार्मिंग बिज़नेस करने का है प्लान? इस योजना के तहत मिलेंगे 30 लाख रुपये

Doodh Ganga Yojana Subsidy: इस योजना को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से साल 2010 में शुरू किया गया था. इसके तहत दिए गए लोन एससी, एसटी वर्ग के किसानों को 33 फीसद और सामान्य वर्ग के किसानों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. वहीं इस योजना के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी की भी सुविधा दी जाती है. राज्य सरकार देशी गाय व भैंस खरीदने पर 20 प्रतिशत और जर्सी गाय खरीदने पर 10 प्रतिशत सब्सिडी भी देती है.

Doodh Ganga Yojana Subsidy Doodh Ganga Yojana Subsidy
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST
  • लोन पर मिलती 33 फीसदी तक सब्सिडी
  • परिवार के एक से अधिक सदस्य ले सकते हैं लाभ

Doodh Ganga Yojana: देश में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं को लॉन्च करती रही है. यही वजह है कि पशुपालन को किसानों के बीच लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को कम ब्याज दर पर लोन और सब्सिडी भी दिया जाता है.

इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दूध गंगा योजना ( डेयरी वेंचर कैपिटल फंड) की शुरुआत की थी. इसके तहत किसानों को डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय करने के लिए सस्ते ब्याज दर पर 30 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है. साथ ही इस लोन पर सरकार की तरफ से ठीक-ठाक सब्सिडी भी प्रदान की जाती है.

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मिलती है इतनी सब्सिडी

बता दें कि इस योजना को राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से साल 2010 में शुरू किया गया था. इसके तहत दिए गए लोन एससी, एसटी वर्ग के किसानों को 33 फीसद और सामान्य वर्ग के किसानों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. वहीं इस योजना के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी की भी सुविधा दी जाती है. राज्य सरकार देशी गाय व भैंस खरीदने पर 20 प्रतिशत और जर्सी गाय खरीदने पर 10 प्रतिशत सब्सिडी भी देती है.

 

कौन ले सकता है इस योजना का लाभ

अगर आप हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं, स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संगठन, दुग्ध संगठन, दुग्ध सहकारी सभाएं, तथा कंपनियां तो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा एक ही परिवार का एक से अधिक सदस्य अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग यूनिट स्थापित कर सकता है. बस शर्त ये है कि दोनों डेयरी यूनिट के बीच की दूरी 500 मीटर दूर हो.

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यहां करें आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के लिए आप हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक पशुपालन वेबसाइट hpagrisnet.gov.in/hpagris/AnimalHusbandry पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा आप इस योजना को लेकर अन्य जानकारियां और दुविधाओं का समाधान कर सकते हैं.

 

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