
Lumpy Virus Disease In Punjab: राजस्थान में लंपी वायरस ने दुधारू पशुओं को अपनी चपेट में ले लिया है. कुछ जिलों में रोजाना 100 से ज्यादा गायों की मौत हो रही है. बाड़मेर में मृत गायों को दफनाने के लिए जमीनें कम पड़ने लगी है. वहीं, अब पंजाब के गांवों में भी ये वायरस पहुंच चुका है. राजस्थान की तरह पंजाब में भी इस वायरस की चपेट में आकर गायों की मौत हो रही है. अपने दुधारू पशुओं की मौत से पशुपालक परेशान हैं. इस बीच पशुपालकों और गौशाला प्रबंधकों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किसान दुधारू पशुओं की मौत पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा सरकार से अपने पशुओं की मुफ्त इलाज कराने की भी गुहार है.
चीमा गांव में 4 गायों की मौत
चीमा गांव में लंपी स्किन वायरस से 4 गायों की मौत हो गई है. किसान बलवीर सिंह खेती करने के साथ दूध के व्यवसाय से अपना जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं. इस वायरस की चपेट में आकर इनकी भी एक गाय की मौत हो गई है, वहीं दूसरी चपेट में है. उनका कहना है कि गाय का इलाज निजी डॉक्टर कर रहे हैं, जो उनको महंगा पड़ रहा है. सरकार इसके लिए कोई वैक्सीन या दवा भी उपलब्ध नहीं करवा रही है. वहीं, लिंपी वायरस की चपेट में आने पर दुधारू पशु दूध देना कम कर रहे हैं, जिससे दूध व्यवसाय पर असर पड़ सकता है. बता दें कि पंजाब में अधिकतर किसान पशुपालन के जरिए दूध व्यवसाय करते हैं.
चीमा गांव के मनदीप सिंह की भी एक गाय की मौत लंपी स्किन वायरस से हो गई है. बीमारी के डर से उसने अपनी 10 गायों को सस्ते दामों पर बेच दिया है. उनकी मांग है कि सरकार पशुपालकों मुफ्त में दवा व इलाज मुहैया करवाए. इसके अलावा उनकी मरने वाली गायों के लिए मदद के रूप में मुआवजा भी दिया जाए.
गौशालाओं पर भी पड़ी मार
वहीं, बरनाला के गोशाला प्रबंधक अनिल बंसल नाना का कहना है कि गोशाला की गायों पर लंपी स्किन वायरस का सबसे ज्यादा असर पड़ा है. लगभग 100 गायें इस रोग से प्रभावित हैं. रोजाना एक से दो गायों की मौत हो रही है. प्रशासन और सरकार इस भयानक बीमारी की ओर ध्यान नहीं दे रही है. गौशाला की गायों का जो भी इलाज किया जा रहा है, वह गौशाला प्रबंधन द्वारा महंगे दामों पर किया जा रहा है. एक गाय के इलाज पर 10 से 20 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं.
वहीं, इसी गौशाला के दूसरे प्रबंधक कमलेश कहते हैं कि सरकार कई वर्षों से गऊ सैस के नाम पर लोगों से टैकस वसूल कर रही है. लेकिन अब तक गौशाला के लिए कोई अनुदान नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत गौशाला में इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम की व्यवस्था करे ताकि लंपी स्किन रोग से प्रभावित पशुओं का इलाज हो सके.
क्या कह रहा है प्रशासन?
डिप्टी कमिश्नर बरनाला ने बात करते बताया कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग अधिकारी को निर्देश दे दिए गए हैं. जिन पशुओं में बीमारी पाई जा रही है वहां उन पशुओं का प्रॉपर इलाज किया जा रहा है. लोगों में ये बीमारी ना फैले इसके लिए सभी को जागरूक करने की जरूरत है. इस बारे में संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश जारी कर दिया गया है.