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Lumpy Skin Disease: दुधारू पशुओं में फैल रहा है लंपी वायरस, जानवरों में दिखें ये लक्षण तो पशुपालक बरतें ये सावधानी

Lumpy Skin Virus: लंपी स्किन डिसीज होने पर पशुओं के शरीर पर गांठें बनने लगती हैं. पशुओं को तेज बुखार आ जाता है और दुधारु पशु दूध देना कम कर देते हैं. बता दें कि पिछले कई दिनों में राजस्थान में सैंकड़ों पशुओं की इस वायरस से मौत हो गई है.

Lumpy Skin disease in cow and buffalo Lumpy Skin disease in cow and buffalo
सचिन धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST
  • राजस्थान कई पशुओं की इस वायरस से मौत
  • इसे नोटीफाएबल डिसीज़ किया जा चुका है घोषित

Lumpy Skin Disease: राजस्थान के कई जिलों में कोरोना की तरह एक और संक्रामक रोग तेजी से फैल रहा है. लंपी स्किन डिसीज नामक इस बीमारी से गाय और भैंसे बड़ी संख्या में बीमार हो रही हैं. इसका सबसे ज्यादा असर दुधारू पशुओं पर दिख रहा है. पिछले कई दिनों में राजस्थान में सैंकड़ों पशुओं की इस वायरस से मौत हो गई है.

बीमार होने पर पशुओं में दिखते हैं ये लक्षण
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली के पशु रोग अनुसंधान और निदान केंद्र के संयुक्त निदेशक डॉ केपी सिंह कहते हैं कि लम्पी स्किन डिसीज होने पर पशुओं के शरीर पर गांठें बनने लगती हैं. उन्हे तेज बुखार आ जाता है, सिर और गर्दन के हिस्सों में काफी दर्द रहता है. इस दौरान पशुओं में दूध देने की क्षमता भी कम हो जाती है.

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रखें ये सावधानी
डॉ केपी सिंह आगे बताते हैं कि ये वायरस मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से फैलता है. दूषित पानी, लार और चारे की वजह से पशुओं को ये रोग होता है. पशुओं में जब भी इस बीमारी के लक्षण दिखें तो सबसे पहले अपनी बीमार गाय-भैंसों को सबसे अलग कर दें. उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी अलग कर दें. पशुओं को रखने वाले स्थान पर साफ-सफाई रखें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो अन्य आपके अन्य पशु इस बीमारी से पीड़ित होकर जान गंवा सकते हैं.

पहले भी देखे जा चुके है मामले
बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि भारत में इस बीमारी को पशुओं में देखा गया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश, बंगाल और कर्नाटक, तामिलनाडु के कई जिलों में गाय और भैंसों में ये बीमारी पाई जा चुकी है. लम्पी स्किन डिजीज को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने नोटीफाएबल डिज़ीज़ घोषित कर चुकी है.

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गोट पॉक्स वैक्सीन इस बीमारी में फायदेमंद
डॉक्टर केपी सिंह आगे बताते हैं कि इस बीमारी पर रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि ये बिल्कुल बकरियों में होने वाली गोट पॉक्स की तरह ही है. ऐसे में अगर किसी भी क्षेत्र के पशुओं में इस बीमारी का लक्षण पाया जाता है तो उसके एक किलोमीटर के रेडियस में सभी पशुओं को गोट पॉक्स वैक्सीन का टीका लगवा दें. ऐसा होने से स्वस्थ पशुओं में इस बीमारी के फैलने की संभावनाएं कम हो जाएंगी. इसके अलावा ये भी देखा गया है कि कई बीमार पशु भी इस वैक्सीन के लगवाने के बाद स्वस्थ हुए हैं.

वैक्सीन बनाने पर चल रहा है काम
बता दें कि पशुओं में फैलने वाले लंपी स्किन डिसीज नामक इस संक्रामक रोग से बचने के लिए खुद की कोई वैक्सीन नहीं आई है. आईवीआरआई इस बीमारी के टीके पर काम कर रहा है. लेटेस्ट अपडेट के अनुसार जल्द ही ये वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी. 

 

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