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मछली पालन से मध्य प्रदेश का किसान कमा रहा लाखों, इस सरकारी योजना का उठाया लाभ

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के रहने वाले किसान संतोष कुमार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठा कर अपने खेत में तालाब की खुदाई कराई. इसके बाद  0.10 हेक्टेयर जमीन पर बने तालाब पर पंगेशियस मछली का पालन शुरू किया. अब इससे वह हर साल बंपर मुनाफा हासिल कर रहे हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें आने लगी हैं. इन तकनीकों के माध्यम से किसान बढ़िया मुनाफा कमाने लगे हैं. इधर किसानों के बीच अनुदान पर खेतों में तालाब खुदवा कर मछली पालन करने का चलन बढ़ा है. सरकार भी किसानों को इसके लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है. इससे किसानों के मुनाफे में लगातार इजाफा हो रहा है. 

खेत में तालाब बनवाकर शुरू किया मछली पालन

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मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के रहने वाले किसान संतोष कुमार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठा कर अपने खेत में तालाब की खुदाई कराई. इसके बाद  0.10 हेक्टेयर जमीन पर बने तालाब पर पंगेशियस मछली का पालन शुरू किया. पहले साल उन्हें 2500 किलो मछली का उत्पादन हासिल हुआ. इससे उन्हें  2.50 लाख की आय हासिल हुई. लागत निकालने के बाद उन्हें कुल 1.50 लाख रुपये मुनाफा हुआ. इसी क्रम में दूसरे वर्ष उन्हें लगभग 4000 किलो मछली का उत्पादन कर 3 लाख से अधिक की आय प्राप्त की.

हर साल बढ़ रहा मुनाफा

संतोष ने पिछले साल यानी 2022 में तकरीबन 8000 पंगेशियस मछली का बीज 2 शिफ्ट में डाला है. इनमें से 3500 किलो मछलियां निकाली जा चुकी हैं. अभी तालाब में इतनी ही मछलियां बची हैं. संतोष उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल उन्हें 7 टन मछली का उत्पादन होगा. इससे उन्हें 6 लाख से अधिक की आय प्राप्त होगी. लागत निकालने के बाद उन्हें तकरीबन 4 लाख रुपये का मुनाफा हासिल हो सकता है.

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क्या है पीएम मत्स्य संपदा योजना?

किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई थी. इसे मछली पालन के क्षेत्र में अब तक की चलाई जाने वाली योजनाओं में सबसे बड़ी योजना माना जाता है. इसके तहत किसानों को मछली पालन के लिए ऋण और निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. मछली पालन हेतु ऋण लेने के लिए सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र के मत्स्य पालन विभाग में संपर्क करना होगा. इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति और महिलाओं को मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. वहीं, अन्य सभी को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है.

 

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