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भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां वर्ग का एक बड़ा हिस्सा खेती-किसानी पर निर्भर है. सरकार की तरफ से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके अलावा कई राज्य सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं. इसी कड़ी में ओडिशा में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 'मुख्यमंत्री कामधेनु योजना' (एमकेवाई) शुरू की है. इस योजना का मकसद पशुपालन का बिजनेस शुरू करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करना और आर्थिक सहायता पहुंचाना है. तो चलिए जानते हैं क्या है ये योजना.
किसानों की आर्थिक स्थिति होगी बेहतर
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 'मुख्यमंत्री कामधेनु योजना' (एमकेवाई) शुरू की है. इस योजना के जरिए किसानों को दुधारू गाय-भैंस खरीदने के लिए सब्सिडी पर लोन मुहैया कराया जा सकता है. इससे किसानों को लाखों का फायदा होगा. इसके साथ ही जो किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वे अपना बिजनेस शुरू कर पाएंगे. इससे उनके परिवार की स्थिति अच्छी होगी और वे मार्केट में दूध से बने प्रोडक्ट बेच कर काफी मुनाफा कमा पाएंगे.
इस योजना में कितना खर्च करेगी सरकार
मुख्यमंत्री कामधेनु योजना (एमकेवाई) के तहत सरकार पांच सालों में 1,423.47 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
मवेशियों के बीमा पर 187 करोड़ होंगे खर्च
मुख्यमंत्री कामधेनु योजना के साथ-साथ सरकार गोपालन योजना (पशुपालन योजना) भी किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए लॉन्च की गई है. इस योजना के जरिए सरकार 476 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिससे योजना के तहत पांच साल में 31,500 से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा.
इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जो पशुपालन का बिजनेस शुरू करना चाहते है. सरकार ने मवेशियों के बीमा पर 187 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है, जिसमें बीमा लागत का 85 फीसदी हिस्सा वहन किया जाएगा और शेष 15 फीसदी किसानों को खर्च करना होगा.
चारा उत्पादन पर खर्च होंगे 200 करोड़ रुपये
इसके साथ ही सरकार ने बछड़ा पालन योजना पर 216 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है और डेयरी किसानों को प्रोत्साहन के तौर पर 166 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. चारा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी.