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सरकार ने उठाया ऐसा कदम, नदी से लेकर मछुआरों तक को होगा जबर्दस्त फायदा

मत्स्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे रिवर रैचिंग कार्यक्रम के तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में गंगा नदी में तकरीबन डेढ़ लाख मछलियों के बीज को छोड़ा गया है. इस दौरान किसानों को मछली पालन संबंधित टिप्स भी दिए गए. प्रशासन के मुताबिक, इससे मछली पालकों को फायदा तो होगा ही, साथ ही नदी बायोडायवर्सिटी भी बनी रहेगी.

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उदय गुप्ता
  • चंदौली,
  • 23 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:54 AM IST

मछली पालन किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय व्यवसाय बन गया है. कम लागत में ज्यादा मुनाफे के चलते किसान इस व्यवसाय की तरफ तेजी से रुख कर रहे हैं. इसी कड़ी में नदियों की बायोडायवर्सिटी को कायम रखने और उनमें अच्छी किस्म की मछलियों की मौजूदगी को बरकरार रखने को लेकर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत रिवर रैचिंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

नदी में छोड़े गए डेढ़ लाख मछलियों के बीज

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मत्स्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे रिवर रैचिंग कार्यक्रम के तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में गंगा नदी में तकरीबन डेढ़ लाख मछलियों के बीज को छोड़ा गया है. इस दौरान चंदौली के जिलाधिकारी ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में मछुआरों के साथ एक बैठक भी की और किसानों को मछली पालन संबंधित टिप्स भी दिए गए. 

सरकार के इस कार्यक्रम का क्या है उद्देश्य?

दरअसल, मछुआरों की मदद और नदियों की बायोडायवर्सिटी को बरकरार रखने के उद्देश्य से रिवर रैचिंग का कार्यक्रम चलाया जाता है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत नदियों में मछलियों के बीच छोड़े जाते हैं, ताकि नदियों में अच्छी किस्म की मछलियों की मौजूदगी भी बरकरार रहे. इसी कार्यक्रम के तहत चंदौली जनपद के बलुआघाट पर मत्स्य विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जिला प्रशासन द्वारा एक लाख चालीस हजार मत्स्य बीज गंगा नदी मे छोड़े गए.

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नदियों को ऐसे होगा फायदा

मछुआरों द्वारा नदियों में लगातार मछलियों के मारे जाने के साथ-साथ प्रदूषण के चलते नदियों में भारतीय मेजर कार्प प्रजाति की रोहू, नैन और भाकुर आदि प्रजाति की मछलियों की कमी हो जाती है. इसके चलते नदियों से मछली मारकर अपनी आजीविका चलाने वाले मछुआरों के सामने भी जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो जाता है. गरीब मछुआ समुदाय के व्यक्तियों के आजीविका के मद्देनजर भारतीय मत्स्य प्रजाति की मछलियों के संरक्षण के लिए प्रदेश में रिवर रैंचिंग कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है.

क्या कहता है प्रशासन?

ईशा दुहन ( जिलाधिकारी चंदौली ) के मुताबिक, जनपद चंदौली के बलुआ घाट पर रिवर रैचिंग कार्यक्रम के तहत लगभग एक लाख 40 हजार मत्स्य बीज गंगा नदी में सिंचाई के लिए डाला गया है. इसका उद्देश्य यह है कि अच्छी वैरायटी की मछलियां रोहू, कतला, नयन  इन सब का अच्छा उत्पादन हो और नदी कि बायोडायवर्सिटी बनी रहे. 

 

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