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मध्य प्रदेश के इस किसान ने 7 करोड़ खर्च कर बना दिया बांध, बिजली पैदा करने के लिए खड़ी की टरबाइन

मध्य प्रदेश के एक किसान ने सुपरहीट फिल्म स्वेदश को जमीन पर उतारा है. किसान मोहनलाल ने गांव में ही नदी पर बड़ा डैम तैयार किया है. इससे बिजली और सिचांई की समस्या से राहत मिलेगी.

डैम डैम
उमेश रेवलिया
  • खरगोन,
  • 23 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

मध्य प्रदेश के एक किसान ने ऐसा कारनामा किया है, जो हैरान कर देने वाला है. किसान ने सात करोड़ खर्च कर डैम बनाया है. 12 साल पहले उन्होंने बिजली कटौती से परेशान होकर इसकी शुरुआत की थी. इस बांध की टरबाइन से 100 किलोवाट की बिजली तैयार होती है. कुंदा नदी पर बना ये डैम 600 फीट से अधिक लंबा और करीब 5 फीट चौड़ा है. 

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प्रदेश के बाड़ी के रहने वाले मोहनलाल जांगड़े पेशे से किसान हैं, लेकिन उन्होंने हायर सेकंडरी और मैकेनिकल से आईटीआई डिप्लोमा की शिक्षा प्राप्त की है. उन्होंने बताया वर्ष 2009 में पिता का निधन हुआ तो वह उनके अंतिम संस्कार में बाल देने के लिए कुंदा नदी के किनारे पर गए थे. तब उनके मन में यहां बांध बनाने का ख्याल आया था.

कैसै आया बांध का ख्याल?

किसान मोहनलाल जांगड़े बताते हैं कि उस समय खेत की सिचांई के लिए केवल 6 घंटे बिजली मिलती थी. यह उनके और एरिया के बाकि किसानों के लिए प्रर्याप्त नहीं था. इससे निजात पाने के लिए उन्होंने 2011 में ठान लिया की वह कुंदा नदी पर एक डैम तैयार करेंगे. इसके लिए उन्होंने WRD के अधिकारियों से मुलाकात की, पावर प्लांट की जानकारी के लिए  SGSITS इंदौर गए. भोपाल में ऊर्जा डिपार्टमेंट में डीपीआर पेपर्स सबमिट करने के बाद 2013 में उन्हें इसकी अनुमति ली.

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किसान ने बना दिया बांध

डैम बनाने में खर्च हुए 7 करोड़

अनुमति मिलने के बाद, उन्होंने डैम बनाने का कार्य शुरू किया. केवल इसकी टरबाइन बनने में 4 साल लगें. इसके बाद बाकी तैयारियां चल रही थीं. 2023 में अब जाकर प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि इस प्रोजेक्ट में अब तक 7 करोड़ खर्च कर चुके हैं. ये सब पैसै उनके जेब से गए हैं. इसमें 14 मीटर 200 दया का टरबाइन है, एक बार प्लेनेटरी गियरबॉक्स चलाने पर टरबाइन 252 बार घूमता है, इससे एक बार में करीब 100 किलोवाट की बिजली तैयार की जा सकती है.

सरकार से मदद चाहते है किसान

किसान ने बताया कि प्रोजेक्ट की डीपीआर मंजूरी और लेटर के साथ ही कलेक्टर द्वारा डेम साइट पर 3100 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई है. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर के साथ पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट भी हुआ है, लेकिन किसान को अब तक सब्सिडी की राशि नहीं मिली है. दरअसल केंद्र की योजना में 90 फीसदी सब्सिडी निर्धारित थी. किसान मोहनलाल ने बताया इंदौर के जीएसआईटीएस पावर प्लांट के लिए जानकारी ली. वहां से पता चला कि केंद्र शासन की योजना में सब्सिडी मिलती है. 

PM और एमपी के CM से की अपील 

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इस प्रोजेक्ट में उन्हें खुद के पैसे केवल 10% लगाना था लेकिन पूरा खर्च करने के बावजूद अनुदान नहीं मिला है. मोहनलाल ने मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव और पीएम मोदी से इस डैम में सहायता करने की अपील भी की है. उन्होंने बताया कि सरकार अगर सहायता करे तो इस बांध से एक मेगावाट तक बिजली उत्पन्न की जा सकती है. 

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