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Monsoon in UP, Monsoon 2022, Rainfall Update: यूपी में बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में इस साल अभी तक मॉनसून की बारिश नहीं होने से खरीफ की फसल की बुवाई नहीं हो पा रही है, जिससे क्षेत्र के किसानो के सामने संकट पैदा हो गया है. खरीफ की फसल जिसमें की उरद, तिल, धान, मूंग, अरहर और ज्वार आदि की फसलें पैदा होती हैं, उनकी बुवाई का समय चल रहा है. क्षेत्र में बारिश केवल बूंदाबांदी तक ही सीमित रही है. क्षेत्र के किसान लगातार परेशान हो रहे हैं. बारिश न होने के कारण धान की रोपाई में भी देरी हो रही है और किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा ना होने से भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है.
बरसात न होने की वजह से खेत सूखे और खाली पड़े हुए हैं. जबकि पिछले सालों में इन्हीं खेतों में बखराई और बुआई होती रहती थी, जिससे खेतों में रौनक रहती थी और किसानों में खुशी देखी जाती थी, पर इस साल मॉनसून के पिछड़ जाने से किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा न होने के चलते भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है. किसान धनी राम ने बताया कि इस समय तक खरीफ की फसल की बुआई हो जानी चाहिए थी, पर बरसात न होने की वजह से बुआई नही हो पा रही है. एक और किसान दुर्गा ने बताया कि मूंग, उरद, तीली ज्वार आदि की फसल नहीं बोई जा सकी है. जिससे लोगों को इस साल इन फसलों की भारी किल्लत होगी.
वहीं किसान राम अवतार का कहना है कि जब फसल नहीं होगी तो बच्चों को क्या खिलाएंगे. इस समय मजदूरी भी नहीं मिल रही है, जिससे भुखमरी की समस्या पैदा हो जायेगी. बुन्देलखण्ड इलाके में सिर्फ दो फसले ही पैदा होती हैं, जिनमें खरीफ और रबी की फसल होती है. वर्षा की शुरुआत में खरीफ की फसल बोई जाती है जिसमे तीली, ज्वार, मूंग ,उरद, अरहर और धान की फसल बोई और पैदा की जाती है जब खरीफ की फसल पक कर कट जाती है तब किसान अपने खेतों में रबी की फसल बोते है जिसमे गेंहू , चना , मटर, सरसों, अलसी आदि बोते हैं. इस साल अभी तक बारिश ना होने के कारण किसान खरीफ की फसल नहीं बो पा रहे हैं, जिससे खेत खाली पड़े हैं और किसानों के सामने एक बार फिर से भुखमरी का संकट पैदा हो गया है.
बुंदेलखंड के किसानों की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं रही है. कभी अति बारिश तो कभी सूखा, उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है, जिससे किसान बर्बाद और तबाह हो गये हैं, इस साल फिर से समय से बारिश न होने के चलते खरीफ की फसल पैदा नहीं हो पायेगी, जिससे इस इलाके के किसान एक बार फिर से बर्बादी और तबाही के मुहाने पर खड़े हो गये हैं.
(रिपोर्ट- नाहिद अंसारी)