
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे में मरने वाला अगर कोई था तो किसान था. किसानों के बेटे थे. हमारी सरकार में कोई दंगा नहीं हुआ. अगर किसी ने दंगा करने की कोशिश की तो उसकी 7 पीढ़ियां भरते भरते खप जाएंगी. बिजली बिल के बकाए राशि पर कोई ब्याज़ नहीं लगेगा. इसके लिए कमेटी गठित कर ली गई है. आज प्रदेश में इलीगल स्लॉटर हाउस बंद कर लिया. 2017 के पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों के गाय-भैंस गायब हो जाते थे. चोरी कर लिए जाते हैं आज स्थिति बदल चुकी है.
मुख्यमंत्री ने गन्ना विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि 2007 से 2017 तक गन्ना मूल्य मूल्य का भुगतान नहीं हुआ. पिछले 4 साल में हमारी सरकार ने सबसे अधिक गन्ना किसानों को भुगतान किया है. हमने पराली जलाने के मामले में किसानों के ऊपर लगे सारे मुकदमे वापस ले लिए हैं. हमने तय किया है कि हम गन्ने का मूल्य बढ़ाने जा रहे हैं. अब तक गन्ने का समर्थन मूल्य ₹325 था अब ₹350 गन्ने का समर्थन मूल्य होगा. गन्ने किसानों को 8 फ़ीसदी की वृद्धि उनके आय में होगी. 45 लाख किसानों की जीवन में बदलाव आएगा.
बता दें, किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए गन्ने के दाम में 25 रुपए की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके साथ ही अब 315 रुपये वाले गन्ने का मूल्य अब 340 रुपये प्रति क्विंटल होगा. जबकि 325 रुपये मूल्य वाले गन्ने का 350 रुपए क्विंटल मिलेगा.
और पढ़ें- यूपी में गन्ना किसानों का कोई पैसा बकाया नहीं, RTI का सरकार ने दिया जवाब
राकेश टिकैत ने गन्ने का समर्थन मूल्य ₹425 करने की मांग की थी
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इससे पहले कहा था कि किसानों को गन्ने का रेट सवा चार सौ रुपये क्विंटल से एक रुपये कम भी मंजूर नहीं होगा. यदि यूपी सरकार ने ऐसा नहीं किया तो केंद्र सरकार से काले कानूनों और एमएसपी की गारंटी के लिए चल रही लड़ाई के साथ ही भारतीय किसान यूनियन सूबे की सरकार की भी मोर्चेबंदी करेगी.
उन्होंने कहा कि 2017 में अपने घोषणा-पत्र में गन्ने का रेट 370 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा करके लोग सरकार में आए थे. अब इस रेट में साढ़े चार साल में बेतहाशा बढ़ी महंगाई का भी हिसाब जोड़ा जाना चाहिए. किसी भी हाल में सवा चार सौ रुपये से कम रेट पर वह मानने वाला नहीं है. मायावती सरकार में समर्थन मूल्य 80 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था, अखिलेश सरकार में 50 रुपये और योगी सरकार में 25 रुपये. इस तरह उनका स्थान तीसरा है.
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि भारत सरकार को तीनों कृषि कानून निरस्त कर देना चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो संयुक्त किसान मोर्चा देश के अलग अलग हिस्सों में जाएगा और वहां जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ बैठक और प्रदर्शन करेगा. खासकर यह प्रदर्शन उन राज्यों में होगा, जहां पर चुनाव होना है.