
राजस्थान के जोधपुर में गुरुवार को पंचायत आज तक राजस्थान (Panchayat Aaj Tak Rajasthan) का आयोजन किया गया. इस दौरान 'हरियाली का रास्ता' विषय पर चर्चा हुई, जिसमें जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के जोनल चीफ इंजीनियर एमएस चरण, एसई (डीसी) एमएम सिंघवी और एओ (डीसी) ईश्वर माली ने बातचीत की.
इस दौरान एमएस चरण ने कहा कि राजस्थान में इस समय गरीबों को 100 यूनिट फ्री बिजली देने का जो काम हो रहा है, गरीबों के लिए उससे बड़ी राहत कुछ और हो ही नहीं सकती. जब उनसे बिजली के बिल में आने वाली गड़बड़ियों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मीटर की रीडिंग लेने का काम रीडर का होता है. इस प्रक्रिया के बाद उसे लेजर क्यूबर से टाइप किया जाता है. अगर इस दौरान एक-दो जीरो ज्यादा दब जाते हैं या कोई नंबर कम-ज्यादा हो गए तो बिल ज्यादा आ जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि हम (बिजली विभाग) प्रधानमंत्री से लेकर गरीब से गरीब शख्स को बिजली मुहैया कराते हैं. अगर बात शिक्षा करें तो आधे लोग प्राइवेट स्कूल में और आधे सरकारी स्कूल में जाते हैं. ऐसा ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी होता है. लेकिन बिजली विभाग ही एक ऐसा विभाग है, जो 100 फीसदी जनता को डील करता है. इसलिए बिजली बंद होते ही लोग सबसे पहले फोन लगाने का काम करते हैं. ऐसे में जब बड़ी लाइन बंद हो जाती है या कोई केबल फॉल्ट हो जाती है तो पूरी टीम उसमें लग जाती है. कभी-कभी इसे सुधारने में 24 घंटे तक लग जाते हैं. ऐसे में कहीं फॉल्ट होने पर अगर कोई हमारे कॉल सेंटर के नंबर पर मैसेज करके शिकायत करता है तो पांच मिनट के अंदर उसके पास रिप्लाई आ जाता है.
इसके बाद एमएम सिंघवी ने कहा कि कई बार जनता रेगुलर बिल भी नहीं भर पाती है. कई परिस्थितियां होती हैं. कई बार दुर्घटना हो गई या किसान की फसल चौपट हो गई तो सरकार राहत योजना लाई है. अगर दिसंबर 2022 तक किसी का भी बिल बकाया होने के कारण उसका कनेक्शन कट गया है तो उस पर लेट पैमेंट सरचार्ज सरकार ने हटा दिया है. इसकी अवधि पहले सितंबर तक थी, लेकिन सरकार ने अब इसे बढ़ा दिया है. ऐसे उपभोक्ता का कनेक्शन बिना किसी बाधा के जोड़ दिया जाएगा.
चर्चा के दौरान ईश्वर माली ने कहा कि जोधपुर सिटी का ज्यादातर पैमेंट ऑनलाइन ही आता है. हमने भी ग्राहकों की सुविधा के लिए 4-5 साइट खोल रखी हैं. इससे हमें भी फायदा होता है, क्योंकि किसी के पैमेंट करने के दो मिनट बाद ही वह सिस्टम में रिफ्लेक्ट होने लगता है. यानी कहा जा सकता है कि पैमेंट सिस्टम में काफी सुधार हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग तेजी से इस सिस्टम को ही फॉलो करने लगे हैं.