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केंद्र ने बढ़ाई रबी फसलों की MSP, टिकैत बोले- किसानों के साथ सबसे बड़ा मजाक

टिकैत ने कहा कि  भारत सरकार द्वारा आज रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की की गई घोषणा धोखा है. पिछले साल  पैदावार 1459 बताने वाले इस साल 1080 बताकर किसानों के साथ भद्दा मजाक कर रहे हैं.

किसान नेता राकेश टिकैत किसान नेता राकेश टिकैत
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:52 PM IST
  • MSP से खुश नहीं टिकैत, केंद्र पर साधा निशाना
  • किसानों को कर्ज़वान बनाया- टिकैत

केंद्र द्वारा रबी फसलों की MSP को बढ़ा दिया गया है. सरकार इसे एक बड़ा फैसला मान रही है और इसे किसानों के हित के रूप में देख रही है. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं. इस निर्णय के बाद से उनका गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया है. उन्होंने इसे केंद्र का सबसे बड़ा धोखा करार दिया है.

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MSP से खुश नहीं टिकैत, केंद्र पर साधा निशाना

टिकैत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आज रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की की गई घोषणा धोखा है. पिछले साल पैदावार 1459 बताने वाले इस साल 1080 बताकर किसानों के साथ भद्दा मजाक कर रहे हैं. जोर देकर कहा गया कि कृषि मूल्य आयोग द्वारा पिछले साल गेहूं की पैदावार की लागत 1459 रुपये बताई गई थी, इस साल लागत घटाकर ₹1000 कर दी गई है.  इससे बड़ा मजाक कुछ हो नहीं सकता.

आरोप लगा दिया गया है कि सरकार ने एमएसपी के नाम पर किसानों की जेब को काटने का काम किया है. भारतीय किसान यूनियन के मुताबिक जिस तरह से पिछले वर्ष समर्थन मूल्य में इजाफा किया गया था अगर उस फार्मूले को भी लागू किया जाए तो किसानों को ₹71 कम दिए गए हैं. जो सरकार एमएसपी को बड़ा कदम बता रही है, उसने किसानों की जेब को काटने का काम किया है.

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किसानों को कर्ज़वान बनाया- टिकैत

किसान यूनियन की नजरों में किसी भी सरकार ने किसानों संग आर्थिक न्याय नहीं किया है. हर किसी ने सिर्फ निजी स्वार्थ के लिए काम किया और किसान को उनके हाल पर छोड़ दिया. इस बारे में बताया गया कि किसानों के साथ सरकारों द्वारा हमेशा अन्याय किया जाता रहा है. 1967 में 2.5 कुंतल गेहूं बेचकर एक तोला सोना की खरीद की जा सकती थी ,आज अगर किसान को एक तोले सोने की खरीद करनी हो तो 25 कुंटल गेहूं बेचने की आवश्यकता है. असली अन्याय यही है कि किसानों के साथ किसी भी सरकार ने आर्थिक न्याय नहीं किया है. इसी कारण आज देश का किसान ऊर्जावान ना होकर कर्ज़वान बन गया है .

भारतीय किसान यूनियन ने ये भी जानकारी दी कि उनकी करनाल प्रशासन संग बातचीत बेनतीजा रही है जिस वजह से उनका विरोध प्रदर्शन आने वाले दिनों में भी जारी रहने वाला है. उनकी मांग स्पष्ट है कि SDM पर कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया जाए.

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