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Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana: आवारा गाय-बैलों के पालन पर सरकार देती है हजारों रुपये, ऐसे करें आवेदन

Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana: योगी सरकार ने मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना की शुरुआत 6 अगस्‍त 2019 से शुरू की थी. जिस वक्त योजना को मंजूरी मिली तब तीन महीने की राशि एक साथ देने का प्रावधान बना बनाया गया. तबसे सरकार की तरफ से ये राशि सीधे पशुपालकों के खातों में भेज दी जाती है.

Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST
  • 6 अगस्‍त 2019 बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना को मिली थी मंजूरी
  • आवारा गाय-बैलों को पालने के लिए सरकार प्रतिदिन 30 रुपये देती है

Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana: उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं से किसान बेहद परेशान रहते हैं. साथ ही ये पशु अक्सर भीषण सड़क दुर्घटनाओं की वजह भी बनते हैं. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने 'मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना' की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत आवारा गाय-बैलों को पालने के लिए सरकार प्रतिदिन 30 रुपये देती है, मतलब एक महीने का रुपये 900 और साल के हिसाब से 10 हजार 800 रुपये देती है. 

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योगी सरकार ने मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना' को 6 अगस्‍त 2019 में मंजूरी दी थी. उस वक्त तीन महीने की राशि एक साथ देने का प्रावधान बनाया गया. कहा गया था कि बाद में तीन महीने में राशि भुगतान करने का प्रावधान खत्म कर हर महीने पशुपालकों को ये धनराशि मुहैया दी जाएगी.

इस योजना के लिए कौन कर पाएगा आवेदन

  1. योजना का पात्र केवल वह व्यक्ति होगा जो UP राज्य का मूल निवासी है. 
  2. व्यक्ति को गोवंश के पालन पोषण का अनुभव हो.
  3. व्यक्ति के पास पशु रखने का पर्याप्त स्थान हो.
  4. एक व्यक्ति को केवल 4 गोवंश ही दिए जाएंगे जिसमें नहीं जन्मे बछड़े की गणना नहीं की जाएगी. 
  5. योजना के लाभार्थी एवं आवेदक के पास बैंक खाता होना चाहिए और उसका आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होना चाहिए.
  6. दुग्ध समितियों से जुड़े व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

इस योजना के लिए अभी फिलहाल ऑफलाइन ही आवेदन करने की प्रकिया है. प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है कि जिलों में ऐसे इच्छुक किसानों, पशुपालकों को इस योजना में शामिल करें जो छुट्टा पशुओं को पालने के इच्छुक हैं.

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