
Subsidy News: उत्तर भारत के कई राज्यों में इस बार मॉनसून कमजोर रहा है. इसके चलते कई इलाके सूखे की स्थिति का भी सामना कर रहे हैं. किसानों के सामने इस बार सिंचाई एक गंभीर समस्या बनकर खड़ी होने वाली है. ऐसी स्थिति में किसानों को सिंचाई की नई तकनीकें अपनाने की सलाह दी जा रही है जिसमें पानी की खपत अन्य के मुकाबले बेहद कम होती है.
90 प्रतिशत तक मिल रही है सब्सिडी
फिलहाल बिहार सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना योजना के अंतर्गत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने पर 90% का अनुदान दे रही है. इसके लिए किसान बिहार सरकार के उद्यान विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति तथा स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति में 90% के अनुदान की व्यवस्था सभी श्रेणी के कृषकों के लिए की गई है।@Agribih @AgriGoI @_Sudhaker_singh @saravanakr_n pic.twitter.com/qTJp8PbhNW
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) September 21, 2022ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकल सिंचाई के बारे में जाने
ड्रिप सिंचाई जिसे टपक सिंचाई भी कहते हैं. इस विधि में बूंद-बूंद के रूप में फसलों के जड़ क्षेत्र तक एक छोटी व्यास की प्लास्टिक पाइप से पानी प्रदान किया जाता है. ड्रिप सिंचाई विधि से फसलों की उत्पादकता में 20 से 30 प्रतिशत तक अधिक लाभ मिलता है साथ ही 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है.
स्प्रिंकल विधि से सिंचाई नल द्वारा खेतों में पानी भेजा जाता है. वहां राइजर पाइप द्वारा खेतों में छिडक़ाव विधि से सिंचाई किया जाता है. पानी की बचत और उत्पादकता के हिसाब से स्प्रिंकल विधि ज्यादा उपयोगी मानी जाती है.