
भारत में कृषि के बाद किसान पशुपालन से अपना भरण पोषण करते हैं. केंद्र सरकार की तरफ से भी दुग्ध उत्पादन क्षेत्र पर बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन (National Gokul Mission) सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. साथ ही किसानों को हर साल पशुपालन और डेयरी विभाग की तऱफ से भी राष्ट्रीय गोकुल किसान योजना के अंतर्गत कई तरह के पुरस्कार भी दिए जाते हैं
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले कुछ सालों में दुग्ध उत्पादन बढ़ा है. ऐसे में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को और बढ़ावा दिया जा सके, इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर साल डेयरी किसानों, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को गोपाल रत्न पुरस्कार (Gopal Ratan Award) दिया जाता है.
कैसे करें आवेदन?
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने 15 जुलाई से इस पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे हैं. सभी इच्छुक किसान, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और दुग्ध उत्पादक कंपनियां इस पुरस्कार के लिए आवेदन पशुपालन और डेयरी विभाग(http://dahd.nic.in/) की वेबसाइट पर 15 सितंबर तक अप्लाई कर सकते हैं.
इस अवॉर्ड के लिए आवश्यक योग्यता
> इस पुरस्कार के लिए वही किसान योग्य हैं, जो गाय की 50 देसी नस्लों और भैंस की 18 देसी नस्लों में से किसी एक का पालन करता हों.
> कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन जिसने इस काम के लिए कम से कम 90 दिनों की ट्रेनिंग ली हो.
> दुग्ध उत्पादक कंपनी जो प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन करती है, और उनके साथ तकरीबन 50 किसान जुड़े हुए हों.
अवॉर्ड के तहत मिलने वाली अधिकतम धनराशि
राष्ट्रीय गोकुल किसान मिशन योजना के अंतर्गत हर साल तीनों समूहों में प्रथम द्वितीय और तृतीय और तृतीय स्थान के लिए पुरस्कार दिया जाता है.
1. प्रथम पुरस्कार के तौर पर 5 लाख की धनराशि
2. द्वितीय स्थान पाने वाले के लिए तीन लाख की धनराशि
3. तृतीय स्थान वालों को दो लाख की धनराशि प्रदान की जाती है
किसान भाई अन्य सभी जानकारियों के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग (http://dahd.nic.in/) की वेबसाइट या ई गोपाला ऐप पर जाकर इस पुरस्कार से लेकर पशुपालन तक की हर तरह की जानकारियां आसानी से हासिल हासिल कर सकते हैं.