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Sandalwood Farming: कमाना चाहते हैं बंपर मुनाफा तो करें इस पेड़ की खेती, एक करोड़ से अधिक की होगी कमाई!

Chandan ki kheti: चंदन को सबसे ज्यादा मुनाफे देने वाला पेड़ माना जाता है. इस पेड़ की खेती से किसान आसानी से लाखों कमा सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चंदन की अत्यधिक मांग है. हालांकि, इस डिमांड को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है.

Sandalwood Farming Sandalwood Farming
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST
  • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चंदन की अत्यधिक मांग है
  • डिमांड बढ़ने से चंदन के कीमतों में लगातार वृद्धि

Sandalwood Farming Profit: भारत की तकरीबन 55 से 60 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है. इसके बावजूद खेती-किसानी को मुनाफा ना देने वाला सेक्टर माना जाता है. किसान भी अक्सर शिकायत करते हैं कि कृषि से उन्हें वैसा मुनाफा नहीं हासिल हो रहा है जैसी की उम्मीद थी. कृषि विशेषज्ञ इसके पीछे  खेती को लेकर किसानों की पारंपरिक और पुरानी सोच को दोष देते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार कई किसान अब भी ऐसे हैं कि वे नए जमाने की फसलों की खेती और तकनीकों अपनाने में संकोच करते हैं.

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चंदन को सबसे ज्यादा मुनाफे देने वाला पेड़ माना जाता है. इस पेड़ की खेती से किसान आसानी से लाखों-करोड़ों कमा सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चंदन की अत्यधिक मांग है. हालांकि इस डिमांड को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है. यही कारण है कि चंदन के पेड़ों की लकड़ियों के कीमतों में पिछले कई सालों से भारी वृद्धि देखी गई है.

चंदन के पौधों को जैविक और पारंपरिक दो तरीकों से उगाया जा सकता है. इसके पेड़ों को जैविक तरीके से उगाने में करीब 10 से 15 साल लगते हैं, जबकि पारंपरिक तरीके से एक पेड़ को उगाने में करीब 20 से 25 साल लग जाते हैं. ये पेड़ रेतीले और बर्फीले क्षेत्रों को छोड़कर किसी भी क्षेत्र में लगाए जा सकते हैं. चंदन का उपयोग फर्नीचर बनाने से लेकर इत्र और सौंदर्य प्रसाधन और यहां तक ​​कि आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है.

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कई किसान तुरंत मुनाफा हासिल करने की चाह रखते हैं, लेकिन चंदन की खेती के लिए आपको धैर्य रखने की जरूरत है. इसकी खेती के दीर्घकालिक लाभ है. एक बार चंदन का पेड़ 8 साल का हो जाता है, तो उसका हर्टवुड बनना शुरू हो जाता है और रोपण के 12 से 15 साल बाद कटाई के लिए तैयार हो जाता है.जब पेड़ बड़ा हो जाता है तो किसान हर साल 15-20 किलो लकड़ी आसानी से काट सकता है. यह लकड़ी बाजार में करीब 3-7 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है. कभी-कभी इसकी कीमतें 10000 रुपए प्रति किलो तक भी पहुंच जाती है.

हालांकि, यहां यह बताने की जरूरत है कि सरकार ने आम लोगों के बीच चंदन की लकड़ी की खरीद-फरोख्त करने पर रोक लगा रखी है. लेकिन कोई भी किसान चंदन की खेती कर सकता है. इसकी खरीद सरकार करती है. वहीं, चंदन का पेड़ लगाने के लिए आपको उसका पौधा लेना होगा. एक पौधे की कीमत सिर्फ 100 रुपये से लेकर 150 रुपये के बीच में होती है.

IWST के अनुमान के अनुसार, प्रति हेक्टेयर चंदन की खेती( 15 वर्ष के लिए फसल चक्र के लिए) की लागत लगभग 30 लाख रुपये आती है. लेकिन इस दौरान चंदन के पौधों के पेड़ बनने के बाद किसान आसानी से 1.2 करोड़ रुपये से 1.5 करोड़ रुपये तक मुनाफा कमाया जा सकता है.

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