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Palm cultivation: भारत के किसान अब पहले से ज्यादा से जागरूक हो गए हैं. वह ना सिर्फ खेती में नए-नए तकनीकों की मदद से स्मार्ट तरीके से खेती करना शुरू कर चुके हैं. साथ ही मुनाफा कमाने के लिए नए-नए फसलों की तरफ भी रुख कर रहे हैं. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा भी किसानों किसानों का जीवनस्तर सुधारने के लिए तमाम तरह की योजनाएं भी लॉन्च की जाती रही हैं.
मुख्य रुप से अरब और अफ्रीकी देशों में खजूर की खेती की जाती है. हालांकि, भारत के भी कई प्रदेशों में खजूर की खेती को अपनाकर किसान बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. इस पौधे की खेती के लिए गर्म प्रदेश बेहद उपयोगी माने जाते हैं. इसके अलावा रेतीली मिट्टी इसकी खेती के बेहद उपयुक्त बताई जाती है. यही वजह है कि राजस्थान और गुजरात में खजूर की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. अब धीरे-धीरे अन्य प्रदेशों के बीच भी इसकी खेती की लोकप्रियता बढ़ने लगी है.
शुष्क जलवायु की आवश्यकता
खजूर के पौधे के लिए शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है. साथ ही इसकी खेती बंजर जमीन पर भी की जा सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर क्षेत्र का तापमान 30 डिग्री के आस-पास है तो यह खजूर के पौधे के विकास के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. कम तापमान पौधों के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है.
खजूर कई तरह के आते हैं और हर प्रजाति की फसलीकरण का अंदाज अलग होता है. इसमें बरही, खुनेजी, हिल्लावी, जामली, खदरावी जैसी प्रजातियां शामिल है. खजूर के पौधों के विकास के लिए कम से कम आपको तीन साल तो खेती में देने ही होते हैं. इसके बाद एक बार जब फल उगना शुरू हो जाते हैं तो आपके कमाई का सिलसिला भी शुरू हो जाता है.
कम लागत ज्यादा मुनाफा
बता दें कि खजूर की खेती को कम लागत और ज्यादा मुनाफे वाले पौधे की संज्ञा दी जाती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, किसान भाइयों को एक लाख की लागत में आराम से 7 से 8 लाख रुपये तक का मुनाफा हासिल हो सकता है.
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