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Gladiolus Flower: विदेशों में भी इस फूल की है भारी मांग, कम लागत में ऐसे कमाएं मोटा मुनाफा

Gladiolus Flower Farming: ग्लेडियोलस के फूलों का इस्तेमाल कट फ्लॉवर्स, क्यारियों, बॉर्डर, बागों और गमलों की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है. इस फूल के लिए गर्म जलवायु को सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए लगभग 16 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान अच्छा माना जाता है.

Gladiolus Flower Cultivation Gladiolus Flower Cultivation
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:58 PM IST
  • सजावट के लिए इस्तेमाल होता है ये फूल
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी भारी मांग

Gladiolus Flower Cultivation: खरीफ की फसलों की बुवाई एकदम नजदीक आ गई है. कई किसानों ने अभी से खेतों को तैयार करना भी शुरू कर दिया है. हालांकि, इस दौरान कई किसान पारंपरिक खेती से इतर अन्य विकल्पों की तरफ रुख कर रहे हैं. ऐसे में कई किसान ग्लेडियोलस जैसे आकर्षक फूलों की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.

ग्लेडियोलस के फूलों का इस्तेमाल कट फ्लॉवर्स, क्यारियों, बॉर्डर, बागों और गमलों की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है. इस फूल के लिए गर्म जलवायु को सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए लगभग 16 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान अच्छा माना जाता है. 

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ज्यादातर किसान इस फूल के नाम से अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हैं. ऐसे में वह संशय में रहते हैं कि इससे बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं कि नहीं. बता दें कि इन फूलों को अंतरराष्ट्रीय बाजार समेत कई बड़े होटलों में सजावट के मंगाया जाता है. इसकी कीमतें भी बाजार में सही अच्छी-खासी बनी रहती है. ऐसे में इस फूल की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

इसकी खेती में फूलों की कटाई किस्मों पर निर्भर होती है. अगेती किस्मों में लगभग 60-65 दिन, मध्य किस्मों में लगभग 80-85 दिन और पछेती किस्मों में लगभग 100-110 दिन बार फूल आने लगते हैं. ज्यादातर किसान इसी आधार पर फूलों की कटाई शुरू करते हैं. कई जगहों पर खेतों से बाजार की कितनी दूरी है इसपर भी इस फूल की कटाई निर्भर होती है.

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विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को ग्लेडियोलस फूलों की खेती में हाथ आजमाना चाहिए. अन्य फूलों के मुकाबले इसकी खेती में लागत भी उतनी आती और किसान कम वक्त में लाखों का मुनाफा कमा लेता है. भारत में हर समय कोई ना कोई कार्यक्रम होता रहता है. ऐसे में इन फूलों की बिक्री को लेकर किसान को इतनी चिंता करने की इतनी आवश्यकता नहीं है.

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